ई-वेस्ट से जंगल सफारी तक : पर्यावरण संरक्षण के लिए बड़े कदम
आज के डिजिटल युग में ई-कचरा एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है। मोबाइल फोन, लैपटॉप, बैटरी और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से निकलने वाला कचरा पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। इसी को देखते हुए हरियाणा सरकार पहली बार ई-वेस्ट प्रबंधन नीति लाने जा रही है। राज्य की उद्यम एवं रोजगार नीति में शून्य अपशिष्ट निर्वहन (जीरो वेस्ट डिस्चार्ज ) को अपनाने वाले उद्योगों को प्रोत्साहन दिया जाएगा। सरकार राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ मिलकर इस क्षेत्र में बेहतरीन तकनीकों को अपनाएगी कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से ई-वेस्ट के सही निपटान और पुनः उपयोग पर जोर दिया जाएगा।
अरावली में 10,000 एकड़ में जंगल सफारी
अरावली की पहाड़ियों में देश की सबसे बड़ी और अनोखी अंतरराष्ट्रीय जंगल सफारी बनने जा रही है। गुरुग्राम और नूंह जिले में बनने वाली इस सफारी को दुनिया की बेहतरीन जंगल सफारियों की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। यह सफारी 10,000 एकड़ में फैली होगी, जहां पर्यटक प्राकृतिक जंगल के बीच वन्यजीवों को करीब से देख सकेंगे। इसमें सिंह, तेंदुए, हाथी, भालू और अन्य दुर्लभ प्रजातियों के लिए सुरक्षित क्षेत्र बनाया जाएगा। यमुनानगर में फोरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट बनाया जाएगा।
प्राण वायु देवता पेंशन योजना के अर्न्तगत सम्मानित किये जाने वाले योग्य पेड़ो की पहचान करने के लिए नया सर्वेक्षण किया जायेगा। दुर्लभ व संकटग्रस्त देसी वृक्ष प्रजातियों के संरक्षण और विकास के लिए योजना बनाकर इन प्रजातियों के जीन-पूल को सुरक्षित किया जायेगा।