सिरसा में बार-बार सड़कों की खुदाई से चलना बेहाल, सैलजा ने लिखा CM को पत्र
Sirsa Road: कांग्रेस महासचिव व सांसद कुमारी सैलजा ने सिरसा शहर की सड़को को बार-बार तोड़े जाने से नागरिकों को हो रही भारी असुविधा और शहर की सुंदरता पर पड़ रहे प्रतिकूल प्रभाव का मुद्दा उठाया है। सांसद ने इस संबंध में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को पत्र लिखकर मांग की है कि सिरसा सहित पूरे हरियाणा में पाइपलाइन से जुड़े सभी कार्यों में आधुनिक ट्रेंचलेस टेक्नोलॉजी का अनिवार्य उपयोग सुनिश्चित किया जाए।
सीएम को लिखे पत्र में सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि गैस पाइपलाइन, सीवर लाइन, पेयजल पाइपलाइन और स्टॉर्म वाटर ड्रेन डालने के कारण सडक़ों को बार-बार तोड़ा जा रहा है, जिससे आम जनता को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। इसके चलते यातायात व्यवस्था बाधित हो रही है और शहर की सुंदरता पर भी बुरा असर पड़ रहा है।
सांसद ने कहा है कि देश-दुनिया के प्रमुख शहरों तथा दिल्ली मेट्रो जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स में ट्रेंचलेस टेक्नोलॉजी का सफल उपयोग किया गया है। इस तकनीक से बिना सडक़ें तोड़े पाइपलाइन बिछाई जा सकती है, जिससे न केवल नागरिकों को राहत मिलेगी बल्कि करोड़ों रुपये की सार्वजनिक धनराशि की भी बचत होगी। साथ ही सड़क या गली का निर्माण करने से पहले पेयजल, सीवर लाइन, गैस पाइप लाइन डाली जाए बाद में इन्हें डालने के लिए सडक़ों या गलियों को न तोड़ा जाए।
सांसद कुमारी सैलजा ने यह भी कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में कोई भी नया कार्य इस तकनीक के बिना न हो। साथ ही, शहरों को बार-बार तोड़ने के बजाय सड़को के निर्माण से पूर्व ही सभी आवश्यक प्रावधान किए जाएं, जो एक आधुनिक शहर की मूलभूत आवश्यकता होते हैं। सांसद ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि हरियाणा सरकार इस तकनीक का अनिवार्य रूप से उपयोग सुनिश्चित करे ताकि नागरिकों को बार-बार की परेशानियों से छुटकारा मिले और प्रदेश के शहर आधुनिक स्वरूप में विकसित हो सकें।
गांवों में ही पैक्स के माध्यम से ही हो डीएपी खाद का वितरण
सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि इस समय प्रदेश का किसान डीएपी खाद के लिए परेशान है, सुबह से लेकर शाम तक लाइन में लगा रहता है बाद में पता चला कि स्टॉक खत्म हो गया। कई जिलोंं में तो किसान रात को ही लाइन में लग जाता है। दूसरी ओर बाजार में ब्लैक में डीएपी खाद बेची जा रही है जिस पर अंकुश लगना चाहिए, जिसे देखो वहीं किसान को लूटने में लगा हुआ है। प्रदेश की भाजपा सरकार विशेष रूप से घग्गर नदी के तटवर्ती इलाकों में बाढ़ पीड़ितों को गांवों में ही पैक्स के माध्यम से डीएपी खाद पहल के आधार पर उपलब्ध कराने के लिए कोई ठोस कदम उठाए। ताकि बाढ़ से फसलों के हुए नुकसान के कारण आगे गेहूं की फसल बोने के लिए डीएपी खाद की आवश्यकता पड़ने पर उन्हें गेहूं बिजाई सीजन में परेशानी का सामना न करना पड़े।