चंडीगढ़, 5 जून (ट्रिन्यू)
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि भाजपा-जजपा सरकार में नौकरियों में भ्रष्टाचार बंद नहीं हो रहा। पक्की भर्तियों के बाद अब कच्ची भर्तियों में भी खुलेआम धांधलेबाजी हो रही है। उन्होंने आयुष विभाग की योग कोच भर्ती का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें कदम-कदम पर नियमों की धज्जियां उड़ाई हैं। भर्ती में गड़बड़झाले के लिए सरकार इतनी बेताब दिखी कि आवेदन की आखिरी तारीख से पहले ही चहेते उम्मीदवारों को विभाग ने जॉइनिंग लेटर जारी कर दिया।
जारी बयान में दस्तावेजों का हवाला देते हुए दीपेंद्र ने कहा कि आयुष विभाग की तरफ से योग कोच की अनुबंध आधारित भर्ती निकाली गई थी। नियमों के मुताबिक योग कोच की भर्ती सिर्फ खेल विभाग कर सकता है, लेकिन इससे भी बड़ा खेल भर्ती निकलने के बाद हुआ। इसके लिए आवेदन की अंतिम तारीख 6 अप्रैल, 2022 रखी गई थी। हैरानी की बात है कि विभाग ने 29 मार्च को ही 10 उम्मीदवारों को अप्वाइंटमेंट लेटर जारी कर दिए।
जब विभाग के सारे खेल का खुलासा हुआ तो आनन-फानन में लीपापोती के लिए अप्वाइंटमेंट लेटर वापस लिए गए। इस भर्ती की योग्यता को लेकर भी अभ्यर्थियों ने गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि महज 21 दिन के ऑनलाइन कोर्स को योग कोच पद के लिए मान्यता दे दी गई। योग कोच के खाली पड़े 66 पदों के लिए एनआईएस कोच, योग स्नातक या इसके समानांतर योग्यता ही मान्य होनी चाहिए। सांसद ने मांग की है कि अन्य योग कोर्स करने वाले व योग्यता धारकों को नियुक्ति देने के लिए सरकार को फौरन योग सहायक, योग वेलनेस इंस्ट्रक्टर और योग थेरेपिस्ट की भर्ती निकालनी चाहिए।