पानीपत (ट्रिन्यू) : सीआईए-टू की टीम ने रेलवे में नौकरी लगवाने के नाम पर 10 लाख रुपये की धोखाधड़ी के मामले में फरार चल रहे गिरोह के दूसरे सदस्य को गिरफ्तार किया है, जिसकी पहचान जितेंद्र उर्फ बबलू निवासी सिंगोहा करनाल के रूप में हुई है। प्रभारी इंस्पेक्टर वीरेंद्र ने बताया थाना शहर में बिशन स्वरूप कालोनी के युधिष्ठर ने इस साल मई में शिकायत दी थी कि उसके साथ नौकरी लगवाने के नाम पर 10 लाख रुपए की धोखाधड़ी हुई है। युधिष्ठर की शिकायत पर रविंद्र दहिया निवासी पानीपत, जितेंद्र निवासी कुरुक्षेत्र, प्रभजोत निवासी अंबाला, अविनाश व प्रवीन निवासी करनाल, गौतम निवासी दिल्ली, रमीज राजा निवासी मध्य प्रदेश व रेखा रानी के खिलाफ थाना शहर में केस दर्ज किया गया। गत दिनों आरोपी रविंद्र निवासी आर्य को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो आरोपी ने धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम देने बारे स्वीकार किया। आरोपी से खुलासा हुआ था उसकी साथी जितेंद्र उर्फ बबलू निवासी सिंगोह के माध्यम से अंबाला निवासी प्रभजोत से जान-पहचान हुई थी। पुलिस ने आरोपी जितेंद्र को रविवार सायं पानीपत बस अड्डे के पास से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में धोखाधड़ी की वारदात में शामिल होने बारे स्वीकारते हुए बताया कि 10 लाख में से उसके हिस्से में 3 लाख रुपए आए थे। पुलिस टीम ने आरोपी को दो दिन के पुलिस रिमांड पर लेकर जितेंद्र के कब्जे से बचे 80 हजार रुपए बरामद कर उसको आज कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत जेल भेजा गया।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।