दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 10 अप्रैल
झज्जर के एसडीएम ऑफिस के तहत रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी में बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। यह मामला खुले हुए एक महीना हो चुका है लेकिन इसकी जांच करवाने की बजाय इसे दबाने की कोशिशें हो रही हैं। झज्जर के ही रहने वाले एक युवक ने पूरे घटनाक्रम का खुलासा किया है। दरअसल, हरेंद्र कुमार के नाम पर झज्जर अथॉरिटी में आठ गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन हुआ है, जबकि उसके पास इनमें से एक भी गाड़ी नहीं है।
झज्जर में टायरों की दुकान चला रहे हरेंद्र के पास लगभग एक माह पूर्व पंजाब से कोई व्यक्ति ट्रांसफर दस्तावेज पर साइन करवाने के लिए पहुंचा। उस व्यक्ति ने बताया कि स्विफ्ट डिजायर कार जो पहले रिकार्ड में हरेंद्र के नाम थी, वह अब उसने खरीदी है और गाड़ी को अपने नाम ट्रांसफर करवाने के लिए दस्तावेजों पर मूल मालिक के हस्ताक्षर अनिवार्य है। हरेंद्र कुमार के नाम पर कोई गाड़ी थी ही नहीं। ऐसे में उसने उससे दस्तावेज की फोटो कॉपी ली। बताते हैं कि इसके बाद जब एसडीएम कार्यालय में पता किया गया तो हरेंद्र के नाम पर ही 8 गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन मिला। हरेंद्र के आधार कार्ड की कॉपी का गलत तरीके से इस्तेमाल करके कुछ लोगों ने अथॉरिटी में सैटिंग करके गाड़ियां नाम करवाई। इन आठ गाड़ियों में से अधिकांश बिक भी गई और दूसरी अथॉरिटी में ट्रांसफर भी हो गई। झज्जर के एसपी, एसडीएम को लिखित में शिकायत करने के बाद हरेंद्र से सीएम विंडो और गृह मंत्री अनिल विज को भी शिकायत की। झज्जर एसपी ने थाना इंचार्ज को जांच के आदेश दिए। लेकिन अथॉरिटी द्वारा कोई जांच या कार्रवाई नहीं की गई।
हरेंद्र कुमार ने सीएम विंडो व गृह मंत्री को लिखित में शिकायत करके इस पूरे मामले की गहराई से जांच करवाने की मांग की है। उनका कहना है कि जब उन्होंने एक भी गाड़ी खरीदी ही नहीं तो फिर आठ-आठ गाड़ियां उनके नाम पर कैसे चल रही हैं। हरेंद्र का कहना है कि अगर कल को इन गाड़ियों से कोई एक्सिडेंट होता है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा।
एक दिन में 3 गाड़ियां हुई रजिस्टर्ड
हरेंद्र के नाम पर झज्जर अथॉरिटी में एक ही दिन में दो से ती गाड़ियां रजिस्टर्ड हुईं। आठों गाड़ियों का पंजीकरण 2015 में हुआ है। 18 दिसंबर, 2015 को दो गाड़ियों – एचआर14एम-2645 व एचआर14एम-5746, 10 सितंबर, 2015 को तीन गाड़ियां – एचआर14एल-7692, एचआर14एल-6387 व एचआर14एल-1373 का रजिस्ट्रेशन हुआ। इसी तरह से 2 नवंबर, 2015 को एचआर14एम-0258, 16 अक्तूबर, 2015 को एचआर14एम-5375 व 12 अप्रैल, 2015 को एचआर14एम-4847 का रजिस्ट्रेशन हरेंद्र कुमार के नाम पर हुआ।
एफआईआर तक नहीं हुई दर्ज
हरेंद्र ने पुलिस को दी शिकायत में एफआईआर दर्ज करने की मांग भी की लेकिन पुलिस ने अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया। वह कई बार पुलिस थाने के चक्कर भी काट चुका है लेकिन अब एसडीएम कार्यालय और पुलिस विभाग एक-दूसरे के पाले में गेंद डालकर पल्ला झाड़ रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि इस पूरे मामले को दबाने की कोशिश हो रही है।
जांच हुई तो होगा बड़ा भंडाफोड़
एक ही व्यक्ति के नाम झज्जर रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी में आठ गाड़ियों का पंजीकरण होना सामान्य घटना नहीं है। मामला सामने आने के बाद जांच नहीं होने से साफ है कि मामले को रफा-दफा करने की कोशिश है। अगर जांच हुई तो अथॉरिटी का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आ सकता है। माना जा रहा है कि ऐसी और भी कई गाड़ियां मिल सकती हैं, जिनका इसी तरह से ऐसे लोगों के नाम रजिस्ट्रेशन होगा, जिनके पास शायद खुद की एक भी कार न हो।