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पूर्व विधायक धर्म सिंह छोक्कर को हाईकोर्ट से राहत नहीं

जमानत और गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज
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पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने रियल एस्टेट कारोबारी और समालखा से कांग्रेस के पूर्व विधायक धर्म सिंह छोक्कर की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। छोक्कर माहिरा ग्रुप से जुड़े कथित मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तार हुए थे। उनके खिलाफ आरोप हैं कि उन्होंने करीब 363 करोड़ रुपये घर खरीदारों से वसूले, लेकिन परियोजनाओं में निवेश करने के बजाय व्यक्तिगत खर्च और संपत्ति खरीद में उपयोग किया।जस्टिस त्रिभुवन दहिया की एकल पीठ ने माना कि ईडी ने छोक्कर की गिरफ्तारी प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट की धारा 19 के तहत वैध रूप से की। अदालत ने कहा कि गिरफ्तारी से पहले आरोपित को ‘ग्राउंड्स ऑफ अरेस्ट’ और ‘रीजन्स टू बिलीव’ दस्तावेज सौंपे गए और संबंधित मेमो विशेष न्यायाधीश को अग्रेषित किया गया। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि गिरफ्तारी में किसी भी प्रक्रिया संबंधी त्रुटि का पता नहीं चला।

ईडी ने अदालत को बताया कि छोक्कर और उनके परिवार ने परियोजना से जुड़े पैसे का निजी उपयोग किया और जांच में सहयोग नहीं किया। आरोपियों के खिलाफ कई गैर-जमानती वारंट जारी हुए, लेकिन गिरफ्तारी नहीं हो सकी। इसी आधार पर 4 मई 2025 की रात उन्हें दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। कोर्ट ने कहा कि गंभीर वित्तीय अनियमितताओं और मनी लांड्रिंग की जांच के लिए हिरासत में पूछताछ आवश्यक है।

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जमानत के लिए सेशन कोर्ट में आवेदन अनिवार्य

हाईकोर्ट ने धर्म सिंह द्वारा सीधे जमानत की मांग खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 483 के तहत जमानत की मांग करने का अधिकार सेशन कोर्ट और हाईकोर्ट दोनों को है, लेकिन पहले सेशन कोर्ट में आवेदन करना जरूरी है। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि केवल असाधारण परिस्थितियों में ही सीधे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जा सकता है, जो इस मामले में लागू नहीं होता। इस फैसले के बाद धर्म सिंह छोक्कर को जमानत के लिए सेशन कोर्ट का दरवाजा खटखटाना होगा। हाईकोर्ट के इस आदेश से यह स्पष्ट हो गया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए न्यायालय ने जांच एजेंसी को हिरासत में पूछताछ के लिए पर्याप्त अधिकार दिए हैं।

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