हरीश भारद्वाज/हप्र
रोहतक, 1 सितंबर
रोहतक के सिद्ध शिरोमणि बाबा मस्तनाथ मठ में समाधि को लेकर चल रहे विवाद का मंगलवार को एक बार फिर नाटकीय ढंग से पटाक्षेप हो गया। पूर्व मंत्री सुभाष बतरा मध्यस्थ बनकर बाबा रमेशनाथ, बाबा रामकुमार नाथ व मिशन एकता समिति की प्रदेशाध्यक्ष कांता आलडि़या को साथ लेकर मठ पहुंचे व बाबा मस्त नाथ मठ के महंत एवं सांसद बालकनाथ योगी से उनकी मुलाकात कराई।
बाद में आलडि़या ने बाबा रमेशनाथ, बाबा रामकुमार नाथ, पूर्व मंत्री सुभाष बतरा की मौजूदगी में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कहा कि समाधि विवाद सुलझा लिया गया है। उन्होंने बाबा बालकनाथ का आभार जताते हुए कहा कि हमें यहां बुलाकर बहुत अच्छे तरीके से इस विवाद को सुलझाया। उन्होंने कहा कि उनकी मांग थी कि उनके गुरुओं की समाधियां यहां बने। इसके बाद महंत ने कहा है कि यहां समाधि बनाओ या डेरा बनाओ, हमें कोई आपत्ित नहीं है। वहीं, पूर्व मंत्री सुभाष बतरा ने कहा कि सबकी मौजूदगी में विवाद सुलझा लिया गया है, कोई मन-मुटाव नहीं है। बाबा बालकनाथ ने पहले भी कहा था और अब फिर आश्वासन दिया है कि उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।
हमने कभी नहीं किया इनकार : महंत
बाबा मस्त नाथ मठ के महंत एवं सांसद बालकनाथ योगी ने कहा कि उन्होंने समाधियां बनाने से कभी इनकार ही नहीं किया। वे तो शुरू से ही समाधियों को बनाने की बात कह रहे हैं। आज भी वही बात हुई है।
यह है पूरा मामला
बाबा मस्तनाथ मठ में समाधियां तोड़ने के मामले को लेकर पिछले कई माह से विवाद चल रहा था। 27 अगस्त को बाबा मस्त नाथ मठ में महंत एवं सांसद बालकनाथ योगी और बाबा रमेशनाथ के बीच नांदल खाप व गांवों के गणमान्य व्यक्तियों की मौजूदगी में मामले को सुलझाने का दावा किया गया था, मगर डेरे से जाने के बाद शाम को ही महंत बाबा रमेशनाथ और बाबा रामकुमारनाथ ने मठ में कथित रूप से दबाव बनाकर समझौता कराने व बदसलूकी के आरोप लगाते हुए मिशन एकता समिति की प्रदेशाध्यक्ष कांता आलडि़या व समर्थकों के साथ अंबेडकर चौक पर धरना शुरू कर दिया था।