चंडीगढ़, 10 जून (ट्रिन्यू)
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला भी अब राज्यसभा में पहुंच गए हैं। हरियाणा के वरिष्ठ कांग्रेस नेता, पूर्व विधायक सुरजेवाला को राजस्थान में राज्यसभा चुनाव में जीत हािसल हुई है। शुक्रवार को राजस्थान में राज्यसभा की चार सीटों के लिए हुए चुनाव में तीन सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों की जीत हुई। सुरजेवाला पर पार्टी नेतृत्व ने भरोसा जताते हुए उन्हें वहां पहला प्रत्याशी बनाया था।
माना जा रहा है कि गांधी परिवार के साथ नजदीकियों का लाभ उन्हें मिला है। सुरजेवाला हरियाणा की हुड्डा सरकार में पीडब्ल्यूडी, बिजली सहित कई विभागों के मंत्री रह चुके हैं। वर्ष 2014 के लोकसभा व विधानसभा चुनावों के बाद से वे पार्टी के कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट के चेयरमैन भी हैं। पिछले लगभग 8 वर्षों से वे दिल्ली में सकि्रय हैं। हालांकि इस दौरान उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र कैथल को भी बखूबी संभाला हुआ है। वे यहां भी सक्रिय रहते हैं और समर्थकों के साथ पार्टी की गतिविधियों में शामिल होते हैं।
अहम बात यह है कि उनके स्व़ पिता शमशेर सिंह सुरजेवाला भी राज्यसभा सदस्य रहे थे। रणदीप शुरू से ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नजदीक हैं। उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ‘गुड-बुक’ में गिना जाता है। युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने नरवाना से उस समय के मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के मुकाबले चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में सुरजेवाला ने जीत भी हासिल की थी और इसके बाद दिल्ली दरबार में उनका कद काफी बढ़ गया था। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा के राज्यसभा जाने के बाद अब सुरजेवाला के राज्यसभा जाने से उनका राजनीतिक कद बढ़ा है। 2008 के परिसीमन के बाद जब नरवाना हलका आरक्षित हो गया तो उन्होंने 2009 का चुनाव कैथल से लड़ा और यहां से भी जीतने में कामयाब रहे। 2014 में भी वे यहां से चुनाव जीते लेकिन 2019 के चुनाव में उन्हें शिकस्त मिली।
राहुल गांधी के हैं भरोसेमंद
पार्टी में रणदीप सुरजेवाला को राहुल गांधी का भरोसेमंद माना जाता है, वे उन्हें काफी पसंद करते हैं, इसलिए उन्हें राजस्थान से राज्यसभा भेजने का फैसला लिया गया। पार्टी हाईकमान ने उन्हें कर्नाटक जैसे बड़े प्रदेश का प्रभारी भी बनाया हुआ है। सुरजेवाला तेज-तर्रार नेता हैं। हिंदी, अंग्रेजी के अलावा और भी कई भाषाओं पर उनकी मजबूत पकड़ है। वे तथ्यों के आधार पर पार्टी की ओर से केंद्र की मोदी सरकार को घेरते हैं। अब वे राज्यसभा में भी कांग्रेस की आवाज बुलंद करते नजर आएंगे।