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हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा का बीजेपी पर हमला

डबल इंजन सरकार के बावजूद हरियाणा को हक नहीं मिला
भूपेंद्र सिंह हुड्डा।
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पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एसवाईएल मुद्दे को लेकर हरियाणा सरकार और केंद्र की बीजेपी सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि हरियाणा को उसका हक न मिलने की असली वजह खुद बीजेपी की नीयत और नीति में गड़बड़ी है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला हरियाणा के पक्ष में है, लेकिन सरकार जानबूझकर इसे लागू नहीं करवा रही। हुड्डा ने सवाल उठाया कि जब केंद्र और हरियाणा, दोनों जगह बीजेपी की सरकार है तो फिर हरियाणा के हिस्से का पानी क्यों नहीं मिला।बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ स्थित अपने सरकारी आवास पर मीडिया से बातचीत में पूर्व सीएम ने कहा कि बैठकें करने से कुछ नहीं होगा, सरकार को चाहिए कि वह पंजाब के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना का केस दायर करे। हुड्डा ने कहा कि केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की बजाय हरियाणा की बीजेपी सरकार 'मीटिंग-मीटिंग' का नाटक कर रही है। यही सरकार थी, जिसके कार्यकाल में पंजाब में बनी हुई एसवाईएल नहर को पाट दिया गया।

उन्होंने याद दिलाया कि बीजेपी सरकार ने दादूपुर-नलवी नहर, जो भूजल रिचार्ज के लिए जरूरी थी, उसे भी बंद कर दिया। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा का किसान बर्बादी के कगार पर है। औसतन हर किसान पर 1.82 लाख रुपये का कर्ज है, जबकि देश में यह औसत 74 हजार रुपये है। लेकिन बीजेपी सरकार किसानों की मदद करने के बजाय बीमा कंपनियों को फायदा पहुंचाने में लगी है।

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पूर्व सीएम ने कहा कि सांसद दीपेन्द्र हुड्डा के सवाल पर केंद्र सरकार ने माना कि 2022-23 में बीमा कंपनियों को 648.1 करोड़ रुपये मिले, लेकिन मुआवज़ा सिर्फ 265.23 करोड़ का दिया गया। 2024-25 में किसानों से और सरकार से मिला कर कुल 1056.7 करोड़ रुपये कंपनियों को गए, लेकिन मुआवज़ा मात्र 262.6 करोड़ यानी 794.1 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा बीमा कंपनियों को हुआ।

जमीनें पहुंच से बाहर, गरीबों का सपना तोड़ा

हुड्डा ने कहा कि सरकार ने कलेक्टर रेट में 10 से से लेकर 145 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की है, जिससे ज़मीनों की कीमतें और प्लॉट आम आदमी की पहुंच से बाहर हो गए हैं। उन्होंने कहा कि नीलामी के ज़रिए हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के प्लॉट देने के फैसले ने भी मध्यम वर्ग की कमर तोड़ दी है।

नौकरियों में घोटाले, जांच पर चुप्पी

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा लोकसेवा आयोग में नकद घोटाले, पेपर लीक, शराब, धान, सहकारिता समेत कई घोटालों की जांच दबा दी गई है। कौशल रोजगार निगम के कर्मचारियों के साथ भी धोखा किया गया। चुनाव से पहले पक्का बताकर वोट लिए और अब देश में कहीं भी ट्रांसफर का फरमान सुनाया जा रहा है।

बीपीएल कार्ड में भी खेल

हुड्डा ने कहा कि पहले बीजेपी ने परिवार पहचान पत्र के बहाने लाखों लोगों के बीपीएल कार्ड काटे, फिर चुनाव आते ही अपात्र लोगों के भी कार्ड बना दिए। अब दोबारा सरकार बनते ही सही पात्रों के भी कार्ड काटे जा रहे हैं। यह सीधा वोट के लिए योजना का दुरुपयोग और जनमत के साथ धोखा है।

कानून व्यवस्था और शिक्षा पर भी सवाल

हुड्डा ने आरोप लगाया कि प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। हत्याएं आम हो गई हैं, महिलाएं और दलित असुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने अब यूनिवर्सिटीज में फीस बढ़ाकर और कोर्स बंद करके शिक्षा को भी निशाना बना लिया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों का 650 करोड़ रुपये बकाया छोड़ दिया है। इसके कारण आईएमए ने आयुष्मान कार्डधारकों का इलाज रोक दिया है। हजारों गरीबों की जान पर बन आई है।

बैलेट पेपर से चुनाव की मांग

राहुल गांधी द्वारा वोटर लिस्ट में फर्जीवाड़े के खुलासे पर प्रतिक्रिया देते हुए हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में भी इसी तरह का खेल हुआ है। उन्होंने चुनाव आयोग से मांग की कि चुनाव बैलेट पेपर से कराए जाएं, क्योंकि पोस्टल बैलेट जीतने वाली पार्टी ही हर बार सरकार बनाती आई है, लेकिन इस बार उल्टा हुआ है।

 

 

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