चंडीगढ़, 7 मई (ट्रिन्यू)
हरियाणा के पूर्व सीएम व विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने देशभर में किसानों की समस्याओं व उनकी मांगों को लेकर विचार-विमर्श शुरू किया है। इस कड़ी में शनिवार को उन्होंने नई दिल्ली स्थित अपने निवास पर देशभर के किसान नेताओं के साथ बैठक की। किसान नेताओं के फीडबैक के आधार पर वे रिपोर्ट तैयार करेंगे। इस रिपोर्ट को वे 13 से 15 मई तक राजस्थान के उदयपुर में होने वाले कांग्रेस के चिंतन शिविर में रखेंगे।
दरअसल, कांग्रेस ने 2024 के चुनावों के मुद्देनजर कृषि व किसानों से जुड़े मुद्दों पर मंथन करने और प्रस्ताव बनाने के लिए हुड्डा की अध्यक्षता में हाई लेवल कमेटी का गठन किया है। इससे पहले भी यूपीए सरकार के समय स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट पर स्टडी करने के लिए बनाए गए मुख्यमंत्रियों के समूह की कमान कांग्रेस ने हुड्डा को ही सौंपी थी। हुड्डा ने उस समय मुख्यमंत्री रहते हुए देशभर के किसानों से संवाद के बाद रिपोर्ट तैयार करके यूपीए सरकार को सौंपी थी।
शनिवार को हुई बैठक में पूर्व सीएम ने अलग-अलग राज्यों से आए किसान नेताओं से मुलाकात की। बैठक में शामिल हुए किसान नेताओं ने हुड्डा के सामने खेती व किसानों से संबंधित तमाम चुनौतियों व सुझावों को साझा किया। बैठक में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, यूपी, उत्तराखंड से लेकर तमिलनाडु और कर्नाटक तक के किसान नेताओं ने शिरकत की।
हुड्डा ने कहा कि बैठक में खेती को लाभकारी बनाने के लिए किसानों को स्वामीनाथन आयोग के सी2 फार्मूले के तहत एमएसपी देने पर सभी ने सहमति जताई। पूर्व सीएम ने कहा, मैं हमेशा किसानों की मांग का समर्थक रहा हूं। 2009 में उनकी अध्यक्षता में बनी मुख्यमंत्रियों की कमेटी ने भी इसकी सिफारिश की थी।
उन्हीं सिफारिशों पर अमल करते हुए कई योजनाओं को यूपीए सरकार ने लागू किया था। उदाहरण के तौर पर पूरे देश में शॉर्ट-टर्म लोन पर ब्याज दर को 4 प्रतिशत किया गया। इतना ही नहीं, हरियाणा में कांग्रेस सरकार ने इसे शून्य कर दिया था। हुड्डा ने कहा, सरकार द्वारा सिर्फ एमएसपी का ऐलान होना काफी नहीं है बल्कि इसकी गारंटी का कानून भी बनाया जाए, ताकि सभी किसानों को एमएसपी मिल सके। इसके अलावा किसानों की लागत को कम करने के बारे में बैठक में सुझाव दिए गए। सब्सिडी से लेकर मुआवजा तक लेने में पेश आने वाली परेशानियों के बारे में भी किसान नेताओं ने बताया। साथ किसानों पर बढ़ते कर्ज के बोझ और सिंचाई की चुनौतियों पर भी चर्चा हुई।
टिकैत व युद्धबीर सिंह भी पहुंचे
हुड्डा के बुलावे पर किसान नेता राकेश टिकैत व युद्धबीर सिंह सहित कई वरिष्ठ नेता दिल्ली पहुंचे। हुड्डा का स्वागत करते हुए टिकैत ने कहा, विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों द्वारा किसानों के मसलों पर चर्चा करना बेहद आवश्यक है। युद्धवीर सिंह ने बताया कि 2009 में हुड्डा की कमेटी ने सरकार को जो सिफारिशें सौंपी थी, उनको अमलीजामा पहनाए जाने की जरूरत है। एमएसपी के निर्धारण के साथ लागत निर्धारण के तरीके में भी सुधार की जरूरत है। इस बात पर भी चर्चा हुई कि देश की आयात व निर्यात नीति को भी किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए निर्धारित करने की जरूरत है।
बिजली बिल पर दर्ज कराया विरोध
किसान नेताओं ने सरकार की तरफ से लाए गए बिजली बिल पर भी विरोध दर्ज करवाया है। उनकी मांग है कि किसानों को इस बिल से अलग रखा जाए। क्योंकि अगर इसमें किसानों को शामिल किया गया तो उनके लिए बिजली बहुत महंगी हो जाएगी, जो उसकी लागत को बढ़ा देगी। हुड्डा ने इस पर सहमति जताते हुए पार्टी के एजेंडा में इसे शामिल करने का आश्वासन दिया है।
ये नेता रहे मौजूद
बैठक में राकेश टिकैत, युद्धवीर सिंह, मंजू किरण, ईशान, रतनमान, लाडी सोखड़ा, विजय शास्त्री, सागर मनवाल, अर्जुन चौधरी, अंकुर चौधरी, रविंद्र धामा, जयबीर हुड्डा, अरुण लाठर, अशोक सोलंकी, सुनील सोलंकी, मुकेश सोलंकी, राजेंद्र सूरा, रामकिशन महलावत, चौधरी संतोख सिंह, भूपेंद्र सिंह लाडी, धर्मवीर गोयत, अवनीश चौधरी, जोगिंदर नैन व नरेश नैन आदि शामिल हुए।