अजय मल्होत्रा/हप्र
भिवानी, 9 जुलाई
भिवानी की अनाजमंडी में रविवार को ‘विपक्ष आपके समक्ष’ रैली में भारी भीड़ जुटाकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने दक्षिण हरियाणा के में अपनी धमाकेदार उपस्थिति दर्ज करवाई और अपनी पार्टी व अन्य विरोधियों को मुख्यमंत्री पद को लेकर भी संदेश दे दिया।
भिवानी-महेंद्रगढ़ संसदीय क्षेत्र जाट व अहीरवाल बहुल इलाका है। इस इलाके में या तो चौ. बंसीलाल या फिर राव वीरेंद्र सिंह का वर्चस्व रहा है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा का अब से पहले इलाके में ज्यादा प्रभाव नहीं देखा गया। यही कारण है कि आज की रैली को लेकर हुड्डा समर्थक काफी सचेत थे और इसे कामयाब बनाने के लिए उन्होंने जी जान लगा दिया था। हुड्डा समर्थक इसे पूर्व सीएम की प्रतिष्ठा से जोड़कर देख रहे थे।
हुड्डा समर्थकों का मानना है कि इस जाट व अहीरवाल बहुल क्षेत्र में अपनी पैठ मजबूत करने व अपने विरोधियों को यह अहसास करवाने की वे केवल जाटलैंड तक ही सीमित नहीं हैं, हुड्डा ने रैली की बागडोर भी अहीरवाल के कद्दावर नेता राव दान सिंह व सांसद दीपेंद्र हुड्डा को सौंपी थी।
दीपेंद्र हुड्डा ने रैली में भीड़ जुटाने के लिए भी एक नई टीम तैयार की जिनमें खासतौर पर पहला नाम जिला परिषद के पूर्व अध्यक्ष राजबीर फरटिया का उभरा। इससे पहले ज्यादातर सामाजिक कार्यों में बढ़चढ़कर भाग लेने वाले राजबीर के समर्थक पीली पगड़ियों, महिलाएं पीली चुनरियाें व युवा पीली टी-शर्टों में पहुंचे थे। पूरा पंडाल एक बार तो पीला ही पीला दिखाई देने लगा। यूं भी यह रंग दक्षिण हरियाणा के किसानों की पहचान माना जाता है। राजबीर फरटिया के अलावा अहीरवाल के कद्दावर नेता राव दान सिंह पर भी पूर्व सीएम ने पूरा विश्वास व्यक्त किया। परिणाम स्वरूप अहीरवाल में एक बड़ा संदेश देने में भूपेंद्र हुड्डा कामयाब होते दिखाई दिये।
जानकारों के अनुसार भूपेंद्र सिंह हुड्डा के राजनीतिक कार्यकाल में यह पहला अवसर है, जब उन्होंने इस क्षेत्र में लोकसभा क्षेत्र स्तर की रैली का आयोजन किया। रैली की कामयाबी से न केवल हुड्डा का अहीरवाल में कद बढ़ा है बल्कि वे कांग्रेस हाईकमान को भी यह संदेश देने में कामयाब रहे है कि उनकी दक्षिण हरियाणा की जनता में भी पकड़ मजबूत है। पूर्व सीएम ने अपने विरोधियों को जता दिया कि मुख्यमंत्री की रेस में वे उनसे आगे हैं। उनके विरोधी चाहे वो उनकी पार्टी के हों या फिर विपक्ष के मुख्यमंत्री पद को लेकर दावे करते हैं वे उनको बताना चाहते हैं कि मुख्यमंत्री की गद्दी तो वे 18 वर्ष पहले ही जीत गए थे, अब उनकी लड़ाई प्रदेश में बेरोजगारी, महंगाई, अपराध व नशाखोरी के खिलाफ है।
भाजपा के लिए रैली साबित होगी चेतावनी
लोकसभा व विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जाट व अहीरवाल बहुल क्षेत्र में कांग्रेस की बड़ी रैली से जहां पार्टी नेताओं का मनोबल बढ़ना स्वाभाविक है, वहीं पिछले दो लोकसभा व दो विधानसभा चुनाव में अधिकांश सीटों पर जीत दर्ज करने वाली भाजपा के लिए यह रैली चेतावनी साबित होगी।