नयी दिल्ली, 3 अगस्त (एजेंसी)
दिल्ली हाईकोर्ट ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की चार साल की कैद की सजा निलंबित कर दी है। जस्टिस योगेश खन्ना ने 88 वर्षीय नेता को जमानत देते हुए कहा कि निचली अदालत द्वारा लगाये गये 50 लाख रुपये के जुर्माने के भुगतान तथा पांच लाख के जमानती बांड तथा उतने का ही मुचलका भरने के बाद ही सजा का निलंबन संभव है। अदालत ने कहा कि चौटाला ने निश्चित ही हिरासत में डेढ़ साल बिताये हैं और अपील में वक्त लग सकता है।
अदालत ने बुधवार को जारी किये गये आदेश में यह भी कहा, ‘अपीलकर्ता निचली अदालत की अनुमति के बगैर विदेश नहीं जाएगा।’ इस आदेश में अदालत ने यह भी कहा कि वैसे तो चौटाला को इस मामले में जमानत मिल गयी है और उन्होंने जमानती बांड भरा भी है, लेकिन वह हिरासत में ही हैं तथा उन्हें अन्य मामले में सुनायी गयी सजा के कारण जेल से कभी रिहा नहीं किया गया। निचली अदालत ने 27 मई को चौटाला को 1993-2006 के बीच आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति अर्जित करने के जुर्म में चार साल की कैद की सजा सुनायी थी तथा 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। हाईकोर्ट ने इस सजा को निलंबित करने के चौटाला के अनुरोध पर इस सप्ताह के प्रारंभ में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। सीबीआई ने उन पर 1993-2006 के दौरान आय के वैध स्रोत से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाते हुए 2005 में मामला दर्ज किया था और 26 मार्च, 2010 को आरोपपत्र दाखिल किया था। सीबीआई की प्राथमिकी के अनुसार 24 जुलाई, 1999 से पांच मार्च, 2005 तक हरियाणा का मुख्यमंत्री रहने के दौरान चौटाला ने अपने परिवार के सदस्यों एवं अन्य के साथ सांठगांठ कर चल एवं अचल संपत्तियां अर्जित की थीं जो उनकी एवं उनके परिवार के सदस्यों की आय के ज्ञात वैध स्रोत से अधिक थी।