यमुनानगर, 25 अप्रैल (हप्र)
दो लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार नगर निगम के पूर्व चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर अनिल नैन और उसके दोस्त दीपक बडौला को अदालत ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। मामला अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश जगदीप सिंह की कोर्ट में विचाराधीन था।
केस की सुनवाई के दौरान स्टेट विजिलेंस ब्यूरो की टीम ऐसा कोई साक्ष्य पेश नहीं कर पाई, जिससे दोनों पर लगे आरोप साबित हो सके कि उन्होंने रिश्वत ली है। केस की सुनवाई के दौरान सामने आया कि रात को नौ बजे विजिलेंस की टीम ने नामजद को रिश्वत के साथ पकड़ा था। मौके पर उनके हाथ धुलवाने की कार्रवाई नहीं की गई। दो घंटे बाद विजिलेंस कार्यालय में इस प्रक्रिया को पूरा किया गया है। जो पूरे मामले पर सवालिया निशान खड़ा करती है। ड्यूटी मजिस्ट्रेट ने भी विजिलेंस कार्यालय की लोकेशन बताने में अनभिज्ञता जताई। केस की सुनवाई के दौरान यह भी सामने आया कि शिकायकर्ता को अपनी निविदा अयोग्य होने के बारे में पहले से जानकारी थी।