पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने गढ़ी सांपला किलोई हलके के बाढ़ प्रभावित गांवों का किया दौरा
हरीश भारद्वाज/हमारे प्रतिनिधि
रोहतक, 26 जुलाई
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने जिले में हुई तेज बरसात के बाद जलमग्न हुए रोहतक शहर का दौरा कर जल प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया। इस दौरान हुड्डा ने शहर की सीवरेज व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए सरकार को कटघरे में खड़ा किया। इस दौरान हुड्डा ने लोगों की समस्याएं भी सुनी। हुड्डा ने कहा कि लोगों को हर बारिश के बाद जलभराव का सामना करना पड़ता है। शहर का सीवरेज सिस्टम ध्वस्त हो गया है लेकिन सरकार मूक दर्शक बनी हुई है। हुड्डा ने कहा कि वह सुबह से शहर और ग्रामीण क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं, लेकिन कहीं भी सरकार का कोई भी राहत कार्य दिखाई नहीं दिया। उन्होंने कहा कि सरकार जनता के लिए होती है मगर यह पहली सरकार है जिसे जनता के दुख दर्द से कोई लेना देना नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर सरकार समय रहते जल निकासी के उचित प्रबंध कर देती और नालों तथा सीवरों की सफाई करवा देती तो आज शहर में बाढ़ के हालात नहीं बनते। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार व प्रशासन की लापरवाही का नतीजा आम जन को भुगतना पड़ रहा है। लोगों के घरों में 2-3 फुट पानी घुस गया है। सड़कों ने तालाबों का रूप ले लिया है।
बाद में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने गढी सांपला किलोई हल्के के दर्जनों गांव मैं बारिश से बनी जलभराव की स्थिति का जायजा लिया। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मांग की कि सरकार उदासीन रवैया छोड़कर पानी निकासी के प्रबंध करे और लोगों को उचित मुआवजा दे। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बुधवार को हलके के गांव मकडौली कलां, धामड, बसंतपुर, ब्राह्मणवास, जसिया घिलोड, काहनी, रिठाल, किलोई, रुड़की, मुंगान आदि गांव का दौरा कर किसानों का दर्द जाना। जसिया गांव के किसानों ने बताया कि उनकी सारी फसल जलमग्न हो गई है। खेतों में कहीं 4 फुट पानी खड़ा है तो कहीं 5 फुट पानी खड़ा है। पशु चारे का भी संकट खड़ा हो गया है। जब भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने ग्रामीणों से पूछा कि गांव का कितना एरिया प्रभावित हुआ है तो किसानों ने बताया कि खिड़वाली की तरफ के थोड़ी जमीन बची है बाकी सारा गांव डूबा पड़ा हुआ है।
40 हजार रुपए प्रति एकड़ मिले मुआवजा
इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सारा पानी यहां का नहीं है पानी पीछे से आया है उन्होंने कहा कि अगर सरकार ठीक समय पर सही कदम उठा लेती तो आज इतना नुकसान नहीं होता। उन्होंने मांग की कि सरकार को तुरंत पशु चारे का इंतजाम करना चाहिए और किसानों को अविलंब 40 हजार रुपए प्रति एकड़ मुआवजा देना चाहिए। हुड्डा ने कहा कि वह सुबह से रोहतक शहर और जिले के गांव-गांव घूम रहे हैं लेकिन कहीं भी सरकार का कोई भी नुमाइंदा या कोई भी राहत कार्य कहीं दिखाई नहीं दिया है जिससे पता लगता है कि सरकार इस आपात स्थिति में कितनी गंभीर है। हुड्डा ने कहा कि सरकार ने पोर्टल के लिए बोल दिया कोई सरकार से पूछने वाला हो कि किसान पोर्टल चलाएगा या अपना घर बच्चे और पशुओं को बचाएगा खेत तो पहले डूब चुके हैं।