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हरियाणा में फिर से अटका नये जिलों का गठन

चंडीगढ़, 8 जून (ट्रिन्यू)हरियाणा में नये जिलों का गठन एक बार फिर से अटक गया है। देशभर में जातिगत जनगणना शुरू होने जा रही है। ऐसे में केंद्र सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि जातिगत जनगणना वर्तमान ढांचे...
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चंडीगढ़, 8 जून (ट्रिन्यू)हरियाणा में नये जिलों का गठन एक बार फिर से अटक गया है। देशभर में जातिगत जनगणना शुरू होने जा रही है। ऐसे में केंद्र सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि जातिगत जनगणना वर्तमान ढांचे में ही करवाई जाएगी। इस बीच किसी भी जिले, उपमंडल का गठन व पुनर्गठन नहीं होगा। उधर, हरियाणा हरियाणा सरकार द्वारा गठित की गई कैबिनेट सब-कमेटी का कार्यकाल भी 30 जून को पूरा होने जा रहा है।

नये जिले बनाने को लेकर सब-कमेटी की अब तक 5 बैठकें हो चुकी हैं। इसमें जिलों से आई मांग की स्टडी के लिए संबंधित प्रशासन को निर्देश दिए जा चुके हैं। कैबिनेट सब-कमेटी की पूर्व में हुई बैठकों में फैसला लिया जा चुका है कि हरियाणा में नये जिले, उपमंडल, उप-तहसील और नयी तहसीलें बनाने के लिए उपायुक्तों की सिफारिश जरूरी है।

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कमेटी ने जिलों के संबंध में कोई भी फैसला लेने के लिए 15 जून को चंडीगढ़ में बैठक बुला ली है। कार्यकाल पूरा होने से पहले होने वाली इस अंतिम बैठक में नये जिलों के निर्माण की अंतिम रिपोर्ट तैयार कर सरकार को भेज दी जाएगी।

प्रदेश में अभी 22 जिले हैं। जिन नये जिलों को बनाने की तैयारी है, उनमें हिसार का हांसी, सिरसा का डबवाली, करनाल का असंध, जींद का सफीदों और सोनीपत का गोहाना शामिल है। इनमें हांसी और डबवाली पहले ही पुलिस जिले बनाए जा चुके हैं। पिछली बैठक में कैबिनेट सब कमेटी द्वारा कई जिलों में गांवों की तहसीलों को बदला जा चुका है।

प्रदेश में नये जिलों के गठन में 15 जून की बैठक बेहद अहम मानी जा रही है। सरकार पहले ही कमेटी के कार्यकाल को बढ़ा चुकी है। इसके अलावा कुछ शहर अभी भी नियमानुसार जिला बनने के लिए फिट नहीं बैठते हैं। दो सप्ताह पहले हुई बैठक में कमेटी ने सभी जिला उपायुक्तों को फाइनल रिपोर्ट भेजने के निर्देश जारी किए हैं। इसके बाद जिला उपायुक्तों की तरफ से कमेटी को रिपोर्ट भेजने काम शुरू हो चुका है। इसे देखते हुए अब 15 जून की बैठक बुलाई गई है।

कैबिनेट मंत्री कृष्ण लाल पंवार के अनुसार बैठक में सभी प्रस्तावों पर विचार करने के बाद सरकार को अपनी सिफारिशें भेजी जाएंगे। अभी तक आए प्रस्तावों में कई तरह की खामियां होने के कारण उनमें संशोधन के लिए कहा गया था।

 

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