दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 18 सितंबर
राज्य में विलेज टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए स्टे होम पॉलिसी तैयार की है। कोरोना महामारी की वजह से इसे लागू करने में देरी हुई है। अब जल्द ही इसे घोषित कर दिया जाएगा। हमारी कोशिश है कि पर्यटकों को गांवों की ओर आकर्षित किया जाए ताकि इससे वे हरियाणवी कल्चर को समझ सकें। ग्रामीणों के लिए आय के नये अवसर भी स्टे होम पॉलिसी से पैदा होंगे। Rs
-कंवरपाल गुर्जर, पर्यटन मंत्री
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देशी-विदेशी पर्यटकों को हरियाणवी संस्कृति को नजदीक से देखने और समझने का मौका मिलेगा। ग्रामीण संस्कृति से रूबरू होने के साथ ही गांव में ही रात गुजारने का मौका भी मिलेगा। विदेशों की तर्ज पर ‘विलेज टूरिज्म’ को बढ़ावा देने के लिए राज्य के पर्यटन मंत्रालय ने ‘स्टे होम’ पॉलिसी तैयार की है। पॉलिसी को अंतिम रूप दिया जा चुका है और अगले सप्ताह इसे जारी करने की योजना है।
राज्य के पर्यटन मंत्री कंवर पाल गुर्जर इस पॉलिसी पर काम कर रहे थे। मोरनी हिल्स के अलावा पूरे प्रदेश में यह पॉलिसी लागू होगी। कोरोना महामारी की वजह से पॉलिसी को लागू करने में देरी हुई है। ‘स्टे होम’ पॉलिसी में गांवों में दो कमरे के घर वाले लोग भी शामिल हो सकेंगे। उन्हें घर में पर्यटकों की मेहमाननवाजी का मौका मिलेगा। इससे ग्रामीणों की आय भी बढ़ेगी और बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार के लिए नये अवसर भी पैदा होंगे। प्रदेश में बहुत से ऐसे परिवार हैं, जिन्होंने खेतों में ही रहने के लिए घर बनाए हुए हैं। उनके यहां दुधारू पशुओं के अलावा किचन गाडर्निंग की भी सुविधा है। खेत होने की वजह से ट्यूबवेल भी लगाए हुए हैं। ऐसे में पर्यटकों को पूरे ‘देसी ठाठ’ स्टे होम पॉलिसी के तहत कवर होने वाले घरों में मिल सकेंगे। शुरुआती दौर में स्टे होम का लाइसेंस लेने के लिए सरकार ने किसी तरह की फीस भी नहीं लगाई है।
दो कमरों का सैट होना जरूरी
स्टे होम पॉलिसी के तहत कम से कम दो कमरों का सैट होना अनिवार्य है। इसके लिए संबंधित व्यक्ति या मकान मालिक को विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होगा। पंजीकरण के बाद विभाग की ओर से स्टे होम के लिए लाइसेंस जारी किया जाएगा। इतना ही नहीं, स्टे होम पॉलिसी में रजिस्टर्ड लोगों के लिए विभाग अपनी वेबसाइट पर उन्हें प्रमोट भी करेगा ताकि पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके।
मनचाहा मिलेगा खाना
स्टे होम पॉलिसी की खासियत यह होगी कि गांवों में रुकने वाले पर्यटकों को उनकी पसंद का खाना मिलेगा। मौसमी सब्जियों के अलावा वे हरियाणा के देसी खाने का आनंद उठा सकेंगे। सर्दियों में मिस्सी, मक्का व बाजरे की रोटी के अलावा सरसों का साग, बथुए का रायता, देसी चटनी, मक्खन, दूध-दही, लस्सी के अलावा हलवा-खीर सहित कई तरह के पकवान परोसे जाएंगे। गांवों में स्टे के दौरान पर्यटकों को गांवों में भ्रमण का भी मौका मिलेगा।