चंडीगढ़, 21 अप्रैल (ट्रिन्यू)
हरियाणा में पंचायती राज संस्थाओं जिला परिषद, पंचायत समिति व ग्राम पंचायतों के चुनाव अब और आगे टलेंगे। प्रदेश में कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार फिलहाल चुनावों के पक्ष में नहीं है। सूत्रों का कहना है कि सरकार ने राज्य चुनाव आयोग को चुनाव कार्यक्रम फिलहाल टालने की सिफारिश की है। मई में चुनाव शेड्यूल जारी होने की उम्मीद थी, लेकिन अब यह नहीं हो पाएगा।
सरकार ने कोरोना का ही हवाला दिया है। इससे पहले दिल्ली बार्डर पर चल रहे किसानों के आंदोलन की वजह से चुनाव टल चुके हैं। प्रदेश में 100 के करीब नयी ग्राम पंचायतें भी अस्तित्व में आई हैं। इनमें वार्डबंदी का काम चल रहा है। हालांकि, नियमों के हिसाब से वार्डबंदी का काम समय रहते किया जाना अनिवार्य है। प्रदेश में पंचायती राज संस्थाओं का कार्यकाल 23 फरवरी को पूरा हो चुका है। राज्य में 6235 सरपंचों, करीब 31 हजार पंचायत सदस्यों, 142 ब्लाक समितियों तथा 22 जिला परिषदों के लिए चुनाव होने हैं।
हाईकोर्ट में 3 केस लंबित
हरियाणा में पंचायती राज संस्थाओं के आरक्षण को लेकर भले ही विवाद चल रहा है लेकिन इस विवाद के बीच सरकार ने आरक्षण को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। इसमें महिलाओं, अनुसूचित जातियों तथा पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण की सूची जारी कर दी गई है। हरियाणा में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव को लेकर हाईकोर्ट में इस समय तीन केस विचाराधीन हैं। इनमें सरकार द्वारा महिलाओं को पचास प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने के फैसले को चुनौती दी गई है। पंचायतीराज संस्थाओं में अनुसूचित जातियों को आरक्षण प्रदान करने तथा जल्द चुनाव करवाए जाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिकाएं विचाराधीन हैं। इन तीनों केसों की सुनवाई मंगलवार को होनी थी, लेकिन कोरोना के चलते हाईकोर्ट में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम केवल जरूरी केसों की ही सुनवाई हो रही है। जिसके चलते इन केसों की सुनवाई को आगे के लिए टाल दिया गया।
यह लिखा सरकार ने
राज्य सरकार द्वारा राज्य चुनाव आयोग को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि पंचायत चुनाव के दौरान गांवों में प्रत्याशियों द्वारा नुक्कड़ सभाएं की जाएंगी। गांवों में मोहल्ला स्तर पर लोग जमा होंगे। ऐसे में कोरोना संक्रमण की संभावनाएं अधिक रहती हैं। इसके चलते चुनाव प्रक्रिया को अभी शुरू नहीं किया जाए।
”प्रदेश में पंचायतीराज संस्थाओं का कार्यकाल 23 फरवरी का पूरा हो चुका है। चुनाव आयोग चुनावों की तैयारियां कर रहा है, जिस तरह से कोरोना फैल रही है, चुनावों को टाला जा सकता है। राज्य सरकार से विचार-विमर्श के बाद ही फैसला लिया जाएगा।”
-धनपत सिंह, राज्य चुनाव आयुक्त