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पहली बार चार स्टेजों पर होंगे कार्यक्रम, देसी-परदेसी कलाकार दिखाएंगे प्रतिभा

38वां सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला
फाइल फोटो।
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चंडीगढ़, 30 जनवरी (ट्रिन्यू)

अरावली की तलहटी में बसे सूरजकुंड के अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले के 38वें संस्करण में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और कला का डबल धमाल मचने जा रहा है। ठीक एक सप्ताह बाद शुरू होने जा रहे दुनिया के सबसे बड़े शिल्प मेले में मेजबान हरियाणा, थीम स्टेट मध्य प्रदेश, उडीसा, बिम्सटेक देशों के साथ-साथ 8 पूर्वोत्तर राज्यों के हजारों कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन कर दर्शकों को आनंदित करेंगे।

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बडे कलाकारों की परफार्मेंस के लिए इस बार महास्टेज तैयार की गई है, जहां राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुके कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे। 38वां सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला इस बार खान-पान ही नहीं बल्कि कलाकारों की प्रस्तुतियों के हिसाब से भी खास होने जा रहा है। लगातार मेले की तैयारियों पर नजर बनाए हुए विरासत एवं पर्यटन मंत्री डॉ़ अरविंद शर्मा ने बताया कि सूरजकुंड मेले में अब तक तीन स्टेज होती थी। इसमें दो पर ही कलाकारों की निरंतर सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होती थी। इस बार न केवल नई स्टेज शुरू की है, बल्कि पांच वर्षों से बंद एक स्टेज को भी दुबारा से शुरू किया गया है। कैबिनेट मंत्री डॉ़ अरविंद शर्मा ने बताया कि वीआईपी गेट के पास स्थित चौपाल-1 पर 38वां सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले का उद्घाटन व समापन समारोह आयोजित किया जाएगा। 800 से 1000 क्षमता वाली इस स्टेज पर 7 फरवरी से लेकर 23 फरवरी तक दिनभर कार्यक्रम रहेंगे।

इस बार थीम स्टेट मध्य प्रदेश व ओडिशा, मेजबान हरियाणा, बिम्सटेक देश बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार, नेपाल, थाईलैंड और श्रीलंका, सांस्कृतिक भागीदार पूर्वोत्तर राज्य असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा व सिक्किम के कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे। इसी मंच पर उत्तर क्षेत्रीय सांस्कृतिक परिषद के माध्यम से विशिष्ट कलाकार भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे।

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