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पढ़ाई से भटका फोकस, अब सरकार ढूंढ रही नया रोल

मनोरंजन का साधन बनकर रह गए टैबलेट‍्स : गेम और सोशल मीडिया के लिए हो रहे थे इस्तेमाल
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हरियाणा सरकार की ‘ई-अधिगम योजना’ अब एक अलग मोड़ पर पहुंच चुकी है। कोविड-19 के दौरान बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के मकसद से जिन टैबलेट्स को ‘डिजिटल क्लासरूम’ का नाम दिया गया था, वही अब सरकार के लिए सिरदर्द बन गए। 620 करोड़ रुपये की लागत से खरीदे गए करीब पांच लाख टैबलेट्स छात्रों से वापस ले लिए गए हैं। वजह साफ है - पढ़ाई की जगह टैबलेट बच्चों के हाथ में मनोरंजन का जरिया बन गए।

कोविड-19 की पाबंदियों के बीच 9वीं से 12वीं कक्षा के छात्रों को मुफ्त टैबलेट और 2जीबी डाटा देने का ऐलान किया गया था। मंशा यह थी कि बच्चे ऑनलाइन लेक्चर और ई-कंटेंट से जुड़े रहेंगे। लेकिन कुछ ही महीनों में शिकायतों का अंबार लग गया। अभिभावकों ने कहा कि बच्चे दिन-रात गेम और सोशल मीडिया में डूबे रहते हैं। पंचायत प्रतिनिधियों की भी शिकायतें आईं। कहा गया कि टैबलेट गांवों में पढ़ाई नहीं, बल्कि मनोरंजन का नया खिलौना बनकर रह गए हैं।

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इतना ही नहीं, कई छात्रों ने भी माना कि टैबलेट मिलने के बाद पढ़ाई से ध्यान भटक गया। कुछ मामलों में आपत्तिजनक वेबसाइट्स सर्च करने की शिकायतें भी मिलीं। यानी जिस डिवाइस को पढ़ाई का सहारा बनना था, वही बच्चों की पढ़ाई का दुश्मन बन बैठा। टैबलेट्स को पूरी तरह बेकार जाने देने की बजाय सरकार ने अब इन्हें किसी और तरीके से काम में लेने का रास्ता चुना है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भी निर्देश दिए हैं कि वे इसके उपयोग को लेकर कार्ययोजना बनाएं।

मैथ ओलंपियाड पर नज़र : मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बजट में गणित के प्रति विद्यार्थियों की रुचि बढ़ाने के लिए हर साल ‘मैथ ओलंपियाड’ करवाने की घोषणा की थी। शिक्षा विभाग ओलंपियाड को लेकर प्लानिंग कर रहा है। ऐसे में अधिकारियों को कहा है कि वे यह देखें कि क्या मैथ ओलंपियाड में टैबलेट्स का उपयोग किया जा सकता है। साथ ही हरियाणा लोकसेवा आयोग और हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग जैसी संस्थाओं से भी पूछा जाएगा कि क्या वे परीक्षाओं में इसका इस्तेमाल कर सकती हैं। स्कूल शिक्षा विभाग को गैर-बोर्ड परीक्षाओं में इनका उपयोग करने की योजना बनाने के निर्देश दिए हैं।

हमने बच्चों को पढ़ाई का साधन देने के लिए टैबलेट बांटे थे, लेकिन जब यह साधन मनोरंजन का जरिया बन गया, तो हमें हस्तक्षेप करना पड़ा। तकनीक का इस्तेमाल तभी सार्थक है जब वह नियंत्रित हो। अब टैबलेट वहीं इस्तेमाल होंगे जहां सही निगरानी और फायदा मिल सके। टैबलेट्स को किस उपयोग में लाया जा सकता है, इसके लिए अधिकारियों को अध्ययन करने के निर्देश दिए हैं।

-महिपाल सिंह ढांडा, शिक्षा मंत्री

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