चंडीगढ़, 8 फरवरी (ट्रिन्यू)
हरियाणा में स्थित शराब की सभी डिस्टिलरी में अब फ्लो मीटर लगेंगे। कंप्यूटर से कनेक्ट इन मीटरों के बाद शराब और स्प्रिट को गिना जा सकेगा। मीटर लगने के बाद डिस्टिलरी से अवैध शराब नहीं निकल पाएगी। इतना ही नहीं, इससे सरकार के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी। फ्लो मीटर लगाने का फैसला मंगलवार को यहां मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया।
फ्लो मीटर लगने के बाद शराब व स्प्रिट की सरकार लगातार निगरानी कर सकेगी। इसके लिए कैबिनेट ने पंजाब डिस्टिलरी नियम-1932 (हरियाणा राज्य में लागू) में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इतना ही नहीं, इस एक्ट में 16बी नाम का एक नया नियम भी जोड़ा है। यह नियम लागू होने के बाद ही सभी डिस्टलरी में फ्लो मीटर लगाने अनिवार्य होंगे। उल्लंघन करने वालों के लाइसेंस रद्द होंगे।
इसी तरह से कैबिनेट ने खुदरा शराब लाइसेंसधारियों को वर्ष 2020-21 के लिए लाइसेंस शुल्क में 2 करोड़ 19 लाख 56 हजार 524 रुपये की छूट के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। कोविड-19 के चलते लगाए गए लॉकडाउन के कारण 2020-21 के लिए आवंटित की गई खुदरा शराब की दुकानें पहली अप्रैल, 2020 से अपना संचालन शुरू नहीं कर सकीं थी। ऐसे में यह राहत शराब व्यापारियों को दी है। हरियाणा अग्निशमन के प्रथम, द्वितीय व तृतीय श्रेणी कर्मचारियों के सेवा नियमों में बदलाव को मंजूरी दी है। अब फायर ब्रिगेड में भर्ती के लिए पुरुषों की न्यूनतम शारीरिक लम्बार्ई 170 सेंटीमीटर, वजन 54 किलोग्राम और छाती बिना फुलाए 32 इंच और 34 इंच फुलाकर तय की है। दृष्टि 6/6 (बिना चश्मे के) और 6/6 (45 साल की उम्र के बाद चश्मे के साथ या बिना) होनी चाहिए। महिलाओं के मामले में लंबाई-152 सेंटीमीटर, वजन 47.5 किलोग्राम, दृष्टि 6/6 (बिना चश्मे के) और 6/6 (45 वर्ष की आयु के बाद चश्मे के साथ या बिना चश्मे के) होनी चाहिए। इससे पूर्व अग्निशमन सेवा में महिलाओं के लिए कोई नियम नहीं थे और अब इन्हें शामिल किया गया है। बैठक में हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड द्वारा भूमि के अधिग्रहण व बुनियादी सुविधाओं के विकास, पुराने भू-मालिकों को बढ़े हुए मुआवजे का भुगतान करने तथा राज्य में औद्योगिक संपदा के विकास हेतु कार्यशील पूंजी की आवश्यकता को पूरा करने के लिए एचएसआईआईडीसी को 1000 करोड़ रुपये की कार्यगत पूंजी ऋण को मंजूरी प्रदान की गई।
धर्म परिवर्तन रोकने को बिल कैबिनेट में पास
धर्म परिवर्तन किए बिना कोई शादी करता है तो उस पर कोई रोक नहीं है, लेकिन कोई पैसे के लालच में जबरन किसी का धर्म परिवर्तन करवाता है तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होगी। इस संबंध में कैबिनेट ने गैरकानूनी धर्मांतरण निषेध बिल-2022 को मंजूरी दे दी है। पिछले दिनों यमुनानगर, मेवात, गुरुग्राम और पानीपत जिले में जबरन धर्म परिवर्तन के मामले आए थे। इन्हें रोकने के लिए ही इस बिल को मंजूरी दी गई है।
ब्रिगेडियर लखविंदर के आश्रितों को 50 लाख
तमिलनाडु हेलीकॉप्टर दुर्घटना में जान गंवाने वाले ब्रिगेडियर लखविंदर सिंह लिड्डर के आश्रितों को 50 लाख की वित्तीय सहायता सरकार देगी। यहां बता दें कि 8 दिसंबर, 2021 को सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी धर्मपत्नी और ब्रिगेडियर लखविंदर सिंह लिड्डर सहित सशस्त्र बलों के कई अन्य कर्मियों ने ड्यूटी के दौरान कुन्नूर, वेलिंगटन के पास एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में अपनी जान गंवा दी थी।
जिनका रिकार्ड नहीं, उन सत्याग्रहियों को भी पेंशन
हिंदी आंदोलन-1957 के मातृभाषा सत्याग्रहियों के लिए पेंशन योजना में संशोधन किया है। संशोधन इसलिए किया है ताकि उन सत्याग्रहियों को भी इस योजना में शामिल किया जा सके, जो जेल में तो बंद हुए लेकिन जेलों में उनके कारावास का रिकार्ड उपलब्ध नहीं है। सत्याग्रही को अपने दो सह-कैदियों का प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना होगा। इसमें शर्त यह रहेगी कि इन दोनों में से किसी एक कैदी का जेल में रिकार्ड होना चाहिए। हिंदी आंदोलन के सत्याग्रहियों को सरकार 10 हजार रुपए मासिक पेंशन देती है।
शास्त्री-आचार्य होंगे एमए संस्कृत के समकक्ष
शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षा शास्त्री और आचार्य को अब नियमित बीएड और एमए संस्कृत के समकक्ष माना जाएगा। इसके लिए कैबिनेट ने हरियाणा राज्य शिक्षा स्कूल कॉडर (ग्रुप-बी) सेवा नियम-2012, मेवात जिला स्कूल शिक्षा (ग्रुप-बी) सेवा नियम-2012 और हरियाणा स्कूल शिक्षा (ग्रुप-सी) राज्य कॉडर सेवा में संशोधन को मंजूरी दी है।
आदिब्रदी बांध पर मुहर
हिमाचल प्रदेश और हरियाणा सरकार के बीच सरस्वती नदी जीर्णोद्धार एवं विरासत विकास परियोजना के तहत बनाए जाने वाले आदिब्रदी बांध के निर्माण पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। शाहाबाद शुगर मिल में 60 केएलपीडी एथेनॉल प्लांट की स्थापना के लिए 8.92 करोड़ रुपए का सावधिक ऋण कैबिनेट ने मंजूर किया है। हरको बैंक मिल को यह कर्जा देगा। स्वीकृति के अनुसार 58.92 करोड़ रुपये तक के अधिकतम ऋण पर 5.05 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज सबवेंशन उपलब्ध होगा।