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प्रदेश में बाढ़ के हालात चुनौतीपूर्ण, सीएम खुद ले रहे हालात का जायजा

राज्य के विभिन्न जिलों का किया दौरा
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हिसार के ग्रामीण इलाके में रविवार को दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री नायब सैनी को हालात से अवगत कराते ग्रामीण। -हप्र
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हरियाणा में बाढ़ की वजह से बिगड़े हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे। एक तरफ लगातार बारिश से नदियां और नाले उफान पर हैं तो दूसरी ओर टूटे बांध और ड्रेनेज ने हालात और बिगाड़ दिए हैं। हिसार एयरपोर्ट के पास राणा माइनर टूट गई। इसका पानी एयरपोर्ट की ओर बढ़ रहा था, जिसे प्रशासन ने जेसीबी मशीनों से रोकने में सफलता पाई। वहीं, सिरसा जिले में घग्गर नदी का बांध फिर टूट गया और खेतों में पानी भर गया।

बहादुरगढ़ में मुंगेशपुर ड्रेन एक और जगह से टूट गई। इसके चलते आसपास की कॉलोनियों और औद्योगिक क्षेत्र में पानी भर गया। सबसे ज्यादा नुकसान मारुति कंपनी के स्टॉकयार्ड को हुआ, जहां खड़ी सैकड़ों गाड़ियां पानी में डूब गईं। उद्योगिक क्षेत्र के व्यापारी और कर्मचारी परेशान हैं। हिसार जिले के नारनौंद और हांसी क्षेत्रों में ड्रेनेज टूटने से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। करीब 100 से अधिक गांव प्रभावित हो चुके हैं और जगह-जगह 4-4 फीट तक पानी जमा हो गया है।

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मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी स्वयं प्रदेश के प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे हैं। कुरुक्षेत्र जिले में मारकंडा नदी पिछले कई दिनों से खतरे का कारण बनी हुई थी। अब राहत की खबर यह रही कि नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 0.20 मीटर नीचे आ गया। हालांकि प्रशासन ने अलर्ट जारी रखते हुए निचले क्षेत्रों में रह रहे लोगों को सतर्क रहने की हिदायत दी है।

शाह की अध्यक्षता वाली मीटिंग टली

हरियाणा के सूरजकुंड में होने वाली उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की बैठक को स्थगित कर दिया गया। इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करने वाले थे। मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने बताया कि राज्य सरकार ने सारी तैयारियां पूरी कर ली थीं, लेकिन केंद्र की ओर से जानकारी दी गई कि बैठक स्थगित कर दी गई है। माना जा रहा है कि पंजाब और हरियाणा में बाढ़ जैसे हालात के चलते यह फैसला लिया गया।

पंजाब-हिमाचल की हो रही मदद

वहीं दूसरी ओर, हरियाणा सरकार व भाजपा के अलावा विभिन्न धार्मिक व सामाजिक संगठनों तथा राजनीतिक दलों द्वारा बाढ़ प्रभावित पंजाब व हिमाचल प्रदेश की मदद की जा रही है। रविवार को सीएम नायब सैनी ने पंचकूला से राहत सामग्री से लदी 25 गाड़ियों को रवाना किया। इनमें 15 गाड़ियां पंजाब और 10 गाड़ियां हिमाचल प्रदेश भेजी गईं।

अफसरों को 24 घंटे निगरानी के आदेश

हरियाणा सरकार ने सभी जिलों के उपायुक्तों और प्रशासनिक अधिकारियों को बाढ़ और जलभराव की स्थिति पर 24 घंटे निगरानी रखने के आदेश दिए हैं।

विपरीत हालात में सरकार आपके साथ : नायब सैनी

हिसार/रोहतक, (हप्र) : मुख्यमंत्री नायब सैनी ने रविवार को हिसार के गांव बिठमड़ा, सरसौद, बिछपड़ी, मैयड़, अनीपुरा, गढ़ी, मेहंदा व जीतपुरा गांव का दौरा कर वहां भारी बरसात से पैदा हुए हालात का जायजा लिया। इन क्षेत्रों में गांव के कई हिस्सों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। मुख्यमंत्री ने प्रभावित क्षेत्रों में नागरिकों से सीधा संवाद किया और उनकी समस्याओं को लेकर उनसे विचार विमर्श किया। उन्होंने गांव मेहंदा व ढाणी मेहंदा के लिए 21-21 लाख रुपए की सहायता राशि दी। मुख्यमंत्री ने बिछपड़ी व सरसोद के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग के नीचे से साइफन बनाकर बरसाती पानी की जल निकासी के प्रबंध करने के निर्देश भी दिए, ताकि यहां भविष्य में जल भराव ना हो। मुख्यमंत्री ने नुकसान की जानकारी लेते हुए कहा कि फसलों को हुए नुकसान का आकलन करवाकर उचित मुआवजा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने रविवार देर शाम हांसी से महम के भैणी महाराजपुर गांव पहुंचे और ग्रामीणों से जलभराव की स्थिति पर बातचीत की। कुछ देर रुकने के बाद वे 152 डी सड़क मार्ग से होते हुए चंडीगढ़ के लिए रवाना हो गए। यहां उन्होंने भैणी महाराजपुर गांव में खेतों में भरे पानी का जायजा लिया और ग्रामीणों से बातचीत की। ग्रामीणों ने सीएम को बताया कि लगातार जलभराव से उनकी फसलें पूरी तरह चौपट हो गई हैं।

सीएम ने नग्गल क्षेत्र का किया निरीक्षण

अम्बाला शहर (हप्र) : नग्गल क्षेत्र को बाढ़ से बचाने के लिए शीघ्र ही साइफन का निर्माण किया जाएगा। अम्बाला शहर विधानसभा क्षेत्र में रविवार को बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा करने पहुंचे मुख्यमंत्री नायब सैनी ने उपायुक्त को निर्देश दिए कि इस कार्य के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाए और यदि संभव हो तो ड्रेन निर्माण की रूपरेखा भी बनाई जाए ताकि जल निकासी का स्थायी समाधान हो सके और भविष्य में जलभराव की स्थिति उत्पन्न न हो। साइफन निर्माण का आग्रह पूर्व मंत्री असीम गोयल ने मुख्यमंत्री से यह कहकर किया था कि टांगरी नदी और बरसाती पानी के नग्गल नाले - गंदा नाला में प्रवेश करने से जलस्तर काफी बढ़ गया है जिसके कारण लगभग 40 गांवों में जलभराव की स्थिति है। उपायुक्त ने जानकारी दी कि अंबाला शहर तहसील के अंतर्गत लगभग 28 हजार एकड़ भूमि जलभराव से प्रभावित हुई है।

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