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Flood in Haryana : बाढ़ पीड़ितों के बीच पहुंचे हुड्डा, खुद चलाया ट्रैक्टर

कहा- पोर्टल का झंझट खत्म करे सरकार, तुरंत दे मुआवजा
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Flood in Haryana :हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने लगातार दूसरे दिन बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया। इस दौरान वे खुद ट्रैक्टर चलाकर किसानों के बीच पहुंचे और खेतों-गांवों का हाल जाना। हुड्डा ने प्रशासनिक अधिकारियों से भी बातचीत की और राहत व बचाव कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार की नाकामी के चलते हरियाणा के कई जिलों में बाढ़ और जलभराव की स्थिति गंभीर हो गई है और लोगों को तुरंत मदद की सख्त जरूरत है।

पत्रकारों से बातचीत में हुड्डा ने कहा कि नुकसान का आकलन करने के लिए विशेष गिरदावरी कराने की बजाय सरकार ने फिर से लोगों को पोर्टल के हवाले कर दिया है। उन्होंने कटाक्ष किया, “पिछले कई साल से भाजपा सरकार मुआवजा देने की बजाय सिर्फ पोर्टल-पोर्टल खेल रही है। इस वजह से 90 प्रतिशत पीड़ितों तक राहत नहीं पहुंच पाती और जिन किसानों को मिलता भी है, उन्हें कई-कई महीने इंतजार करना पड़ता है।”

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किसानों को मिले उचित मुआवजा

हुड्डा ने कहा कि खेतों में खड़ी पूरी फसल तबाह हो चुकी है और लंबे समय तक जलभराव रहने से आने वाली फसल की उम्मीद भी खत्म हो रही है। ऐसे हालात में किसानों को कम से कम 60-70 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा मिलना चाहिए। इसके साथ ही मकानों, दुकानों और अन्य इमारतों को हुए नुकसान की भरपाई भी सरकार को करनी चाहिए। उन्होंने केंद्र सरकार से भी मांग की कि हरियाणा, पंजाब और हिमाचल जैसे बाढ़ प्रभावित राज्यों के लिए विशेष राहत पैकेज का ऐलान किया जाए।

1995 की बाढ़ का किया जिक्र

पूर्व मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि जब 1995 में हरियाणा में इसी तरह की बाढ़ आई थी तो तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने व्यापक राहत पैकेज दिया था। उन्होंने कहा, “मैं खुद उस समय केंद्रीय कृषि मंत्री बलराम जाखड़ को हरियाणा लेकर आया था। तब न केवल फसलों बल्कि खेतों के कोठड़ों, ट्यूबवेलों, मकानों और दुकानों तक का मुआवजा दिया गया था। लेकिन मौजूदा सरकार पराली जलाने का केस तो सैटेलाइट इमेज से दर्ज कर लेती है, जबकि मुआवजा देने के समय किसानों को पोर्टल के भरोसे छोड़ देती है।”

नहरों और सीवरेज की सफाई पर उठाए सवाल

हुड्डा ने बाढ़ और जलभराव को केवल प्राकृतिक आपदा मानने से इंकार करते हुए इसे सरकार की लापरवाही का नतीजा बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने समय रहते नहरों की सफाई, शहरों में सीवरेज व्यवस्था, तटबंधों की मजबूती और जल निकासी की तैयारियां नहीं कीं। इसी कारण थोड़ी-सी बारिश होते ही गली, सड़क, गांव, शहर और खेत तालाब में तब्दील हो गए।

“लोगों का जज्बा, सरकार की नाकामी”

हुड्डा ने कहा कि इस संकट की घड़ी में हरियाणा और पंजाब के लोग एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से राहत पहुंचाने की रफ्तार बेहद धीमी है। उन्होंने सरकार से अपील की कि पोर्टल की जटिल प्रक्रिया को खत्म कर तुरंत पीड़ितों को आर्थिक मदद पहुंचाई जाए, क्योंकि देरी से राहत मिलने पर लोगों की मुश्किलें और बढ़ रही हैं।

लगातार दो दिन से ट्रैक्टर पर बैठकर प्रभावित गांवों का दौरा कर रहे हुड्डा का कहना था कि विपक्षी दल होने के बावजूद कांग्रेस पूरी तरह से बाढ़ पीड़ितों के साथ खड़ी है और उनकी हर संभव मदद के लिए प्रयास करेगी।

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