चंडीगढ़, 18 जुलाई (ट्रिन्यू)
आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रचार समिति के अध्यक्ष डॉ़ अशोक तंवर ने मंगलवार को सरकार से मांग की कि बाढ़ प्रभावित किसानों को 50 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाना चाहिए। पंद्रह हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा देने का सरकार का फैसला किसानों के साथ भद्दा मजाक है। बाढ़ की वजह से किसानों को पशुधन का भी नुकसान हुआ है। फसलों में पानी आने से खेतों में रेत भी चढ़ गया है। इसकी वजह से इस सीजन में किसानों के लिए खेती कर पाना मुश्किल है।
मंगलवार को चंडीगढ़ से जारी बयान में तंवर ने कहा कि किसानों के साथ-साथ मजदूरों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। पूरे प्रदेश में 12 जिलों में 4 से 5 लाख एकड़ फसल बाढ़ की चपेट में आ गई है। खट्टर सरकार को इसको 100 प्रतिशत नुकसान समझते हुए मुआवजा राशि जारी करनी चाहिए। उन्होंने स्पेशल गिरदावरी करवाने की मांग भी की। 1378 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। एक लाख 67 हजार 277 हेक्टेयर में फसलें प्रभावित हुई हैं। 134 मकान ढह गए और 268 मकानों को नुकसान हुआ है। 513 मवेशियों और 21 हजार मुर्गियों की मौत हो चुकी है।
इसलिए सरकार को पहले तो इसे बाढ़ की त्रासदी घोषित करना चाहिए, वहीं स्पेशल गिरदावरी करवा कर बाढ़ के पानी से हुए नुकसान की भरपाई करनी चाहिए। अब तक प्रदेश में 34 लोगों की मौत हो चुकी है।
प्रदेश के 12 जिले जिनमें अम्बाला, फतेहाबाद, फरीदाबाद, करनाल, कैथल, कुरुक्षेत्र, पानीपत, पंचकूला, सोनीपत, पलवल, सिरसा और यमुनानगर शामिल है। उनमें विभिन्न स्थानों पर जलभराव से जनजीवन प्रभावित है। बाढ़ की वजह से सबसे ज्यादा नुकसान भी किसानों को यहीं पर हुआ है।