पांच इलाज प्राइवेट अस्पतालों में बंद, सरकारी में ही होंगे ऑपरेशन
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 6 जून। हरियाणा की नायब सरकार ने ‘आयुष्मान भारत’ तथा ‘चिरायु’ योजना में बड़ा बदलाव किया है। इस योजना के तहत गरीब परिवारों को सालाना पांच लाख रुपये तक मुफ्त उपचार की सुविधा है। योजना में कवर परिवारों को सरकारी व प्राइवेट मिलाकर 650 से अधिक अस्पतालों में यह सुविधा मिल सकती है। सरकार ने अब आयुष्मान व चिरायु योजना में कवर होने वाली पांच बीमारियों का उपचार प्राइवेट अस्पतालों में बंद कर दिया है।
बेशक, इन बीमारियों के मरीजों को मुफ्त उपचार सुविधा ही मिलेगी। लेकिन इसके लिए उन्हें सरकारी अस्पतालों में जाना होगा। आने वाले दिनों में उन बीमारियों की संख्या और भी बढ़ सकती है, जिनका उपचार सरकारी अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों में संभव है। इतना ही नहीं, स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने तथा अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों में दवाइयों व उपकरणों का भी प्रबंध किया जा रहा है ताकि मरीजों को सरकारी अस्पतालों में ही अधिकांश सुविधाएं मिल सकें।
दरअसल, सरकार के पास बड़ी संख्या में इस तरह की शिकायतें भी पहुंची हैं कि कुछ प्राइवेट अस्पताल आयुष्मान भारत व चिरायु योजना के नाम पर धांधली भी कर रहे हैं। पांच बीमारियों का उपचार प्राइवेट अस्पतालों में बंद करने के पीछे एक बड़ा कारण अस्पतालों द्वारा सरकार के पास भेजे जा रहे मोटे बिल भी हैं। प्राइवेट अस्पतालों द्वारा पिछले दिनों बिलों का भुगतान नहीं किए जाने के चलते मरीजों का उपचार रोकने की भी धमकी दी थी।
इन बीमारियों का उपचार हुआ बंद
पहले चरण में आयुष्मान भारत और चिरायु योजना के तहत प्राइवेट अस्पतालों में पांच बीमारियों का उपचार बंद किया है। सर्वे में यह बात सामने आई कि इन्हीं बीमारियों का सबसे अधिक उपचार प्राइवेट अस्पतालों में हो रहा है और सरकारी अस्पतालों में भी इनके इलाज की सुविधा है। इनमें इनमें मोतियाबिंद का ऑपरेशन, बच्चेदानी का ऑपरेशन, दूरबीन से पित्त की थैली का ऑपरेशन तथा उल्टी-दस्त की बीमारी और सांस संबंधी दमा के रोगों का उपचार शामिल है। जिन लोगों के पास आयुष्मान व चिरायु कार्ड हैं अब वे इन पांच बीमारियों का उपचार सरकारी अस्पतालों में ही करवा सकेंगे। सरकार ने इन संदर्भ में सभी सीएमओ को निर्देश जारी कर दिए हैं।
आईएमए फैसले से नाराज
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की हरियाणा इकाई सरकार के इस फैसले से नाखुश है। एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ़ महावीर पी़ जैन व महासचिव डॉ़ धीरेंद्र के़ सोनी ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के कार्डों से इलाज कराने वाले मरीजों का खर्च प्राइवेट अस्पतालों को समय से देने की बजाय स्वास्थ्य विभाग ने पांच उन बीमारियों का इलाज की बंद कर दिया है, जो सबसे अधिक होती हैं। एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री से इस फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है।
कॉट्स
हरियाणा में स्वास्थ्य सेवाओं में लगातार सुधार कर रहे हैं। मनेठी में एम्स की ओपीडी जल्द शुरू होगी। नये मेडिकल कॉलेज भी बनाए जा रहे हैं। अस्पतालों को भी अपग्रेड कर रहे हैं। जिन बीमारियों का उपचार सरकारी अस्पतालों में हो सकता है, उनका अब सरकारी अस्पतालों में ही होगा। आयुष्मान व चिरायु योजना के लाभार्थियों को किसी तरह की दिक्कत नहीं आने दी जाएगी।
-आरती सिंह राव, स्वास्थ्य मंत्री