चंडीगढ़, 13 मई (ट्रिन्यू)
हरियाणा में आर्म्स लाइसेंस के लिए भी अब ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इतना ही नहीं, लाइसेंस भी उन्हीं लोगों के बनेंगे, जो इन्हें चलाने व इनके बारे में पूरी तरह से दक्ष होंगे। हरियाणा पुलिस द्वारा इसके लिए ट्रेनिंग दी जाएगी। लाइसेंस बनवाने वाले को कम से कम एक सप्ताह ट्रेनिंग लेनी होगी। इस ट्रेनिंग में शस्त्र के बारे में भी बताया जाएगा और फायरिंग करने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
ऑनलाइन आर्म्स लाइसेंस की शुरुआत करने वाला हरियाणा, देश का पहला राज्य है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शस्त्र लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया को भी ऑनलाइन करने को हरी झंडी दी है। मुख्यमंत्री शुक्रवार को शस्त्र लाइसेंस पर बुलाई गई समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में उन्होंने निर्देश दिए कि शस्त्र लाइसेंस की आवेदन प्रक्रिया को परिवार-पहचान-पत्र के साथ लिंक किया जाए।
इसके लिए एनआईसी, नागरिक संसाधन सूचना विभाग व गृह विभाग मिलकर कार्य करें। बैठक में मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया गया कि एक-दो महीनों में पूरी प्रक्रिया को ठीक कर लिया जाएगा। पहली जुलाई को यह पोर्टल लाॅन्च किया जा सकता है। इसी बैठक में लाइसेंस लेने वालों के लिए ट्रेनिंग अनिवार्य करने का निर्णय लिया गया। आरंभ में पुलिस प्रशिक्षण केंद्र मधुबन, भौंडसी, सुनारियां व रोहतक के अलावा हरियाणा पुलिस की सिरसा, नारनौल, जींद व कुरुक्षेत्र फायरिंग रेंज में ट्रेनिंग दी जा सकेगी। लाइसेंस के आवेदन करने वाले को ट्रेनिंग का विकल्प भी भरना होगा और ट्रेनिंग के बारे आवेदक के मोबाइल पर मैसज भेज दिया जाएगा। इस बात की भी जानकारी दी गई कि शस्त्र अधिनियम के तहत लाइसेंस प्रदान किए जाते हैं और इस अधिनियम में वर्ष 2016 व वर्ष 2019 में संशोधन भी किए हैं। अधिनियम के अनुसार पहले शस्त्र लाइसेंस फसलों की सुरक्षा के लिए तथा व्यक्ति की खुद की सुरक्षा के लिए दिए जाते हैं। वर्तमान में शस्त्र लाइसेंस की अवधि पांच वर्ष की है।
पंजीकृत सुरक्षा एजेंसियों को भी नियमानुसार रिटेलर लाइसेंस दिए जाते हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि लाइसेंस श्रेणियां प्राथमिकता के आधार पर वर्णित हो और प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता हो, सभी जिलों के शस्त्र लाइसेंसों के डाटा की समीक्षा नियमित आधार पर की जाए। बैठक में सीएम के मुख्य प्रधान सचिव डीएस ढेसी, प्रधान सचिव वी़ उमाशंकर, गृह विभाग के एसीएस राजीव अरोड़ा, पुलिस महानिदेशक पीके अग्रवाल, सीआईडी चीफ अलोक मित्तल, गृह विभाग के विशेष सचिव एएस मान व एनआईसी के अधिकारी उपस्थित थे।
450 करोड़ के सामान की खरीद पर लगी मुहर
मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हाई पावर परचेज कमेटी (एचपीपीसी) और विभाग उच्चाधिकार प्राप्त क्रय समिति (डीएचपीपीसी) की बैठक हुई। बैठक में विभिन्न विभागों द्वारा की जाने वाली 450 करोड़ रुपये से अधिक के सामान और वस्तुओं की खरीद को मंजूरी प्रदान की गई। बैठक में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत सिंह चौटाला, परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा, बिजली मंत्री चौ. रणजीत सिंह तथा श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री अनूप धानक भी मौजूद रहे। बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में सीएम ने कहा कि बैठक में सिंचाई एवं जल संसाधन, नागरिक उड्डयन, हरियाणा रोडवेज इंजीनियरिंग कार्पोरेशन (एचआरईसी), हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड (एचवीपीएलएन), दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन), हरेडा तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और मुद्रण एवं स्टेशनरी सहित आठ विभागों के कुल 17 एजेंडा रखे गए। इनमें से 14 एजेंडे को मंजूरी दी गई।