जगाधरी, 26 जून (निस)
करीब 10 दिनों से धान की रोपाई का काम तेजी से चल रहा है। लगभग 40 फीसदी धान की रोपाई हो चुकी है, लेकिन मौसम की बेरुखी ने किसानों की परेशानी बढ़ाई हुई है। बरसात न होने व आसमान से बरस रही आग के किसानों के लिए धान की फसल को बचाना मुश्किल हो गया है।
इसे लेकर कृषि विशेषज्ञ भी चिंता जता रहे हैं। उनका कहना है कि दो दिन के अंदर मौसम में बदलाव की संभावना जताई जा रही है। जगाधरी आदि इलाकों में आजकल धान की रोपाई का कार्य जोरों से चल रहा है।
गत सप्ताह हुई प्री-मानसून की बरसात के बाद धान की रोपाई में और तेजी आई है, लेकिन चार दिनों से फिर गर्मी बढ़ी हुई है। पारा 40 के पार चल रहा है। किसान नरेश कुमार, पहल सिंह, अंकित कुमार, सुभाषचंद आदि का कहना है कि पछवा हवा चलने से भी दिक्कत बढ़ रही है। लग चुकी पनीरी वाली फसल को बचाना मुश्किल हो गया है। बिजली के टयूबवैलों से तो फिर भी जैसे तैसे काम चलाया जा रहा है, लेकिन डीजल के इंजनों पर निर्भर धान की फसल को सूखने से बचाना मुश्किल हो गया।
किसान आनंद का कहना है कि धान की फसल को दूसरी फसलों से ज्यादा पानी की जरूरत पड़ती है।
दो दिन के अंदर मौसम बदलने की उम्मीद
कृषि विभाग के उप निदेशक डा. जेएस सैनी का कहना है कि मौजूदा मौसम वाकई ही धान की फसल के लिए चिंता जनक है। उनका कहना है कि इससे फसल का प्रभावित होना स्वाभाविक है। डा. सैनी का कहना है कि 28 जून को मानसून के इलाके में दस्तक देेने की मौसम विभाग उम्मीद जता रहा है। उन्होंने बताया कि लगभग 40 फीसदी धान की रोपाई इस इलाके में हो चुकी है।