बाढड़ा, 6 अप्रैल (निस)
प्रदेश सरकार के विकास एवं पंचायत विभाग ने आखिरकार दो साल पहले घोषित पूर्व पंचायत प्रतिनिधियों की दस लाख की सम्मान भत्ता राशि को जारी तो कर दिया लेकिन यह मामला अब फिर लटक गया है। पहले तो वित्त विभाग ने कुछ शर्तों के साथ इस राशि के वितरण पर रोक लगा दी और उसके बाद 31 मार्च को वित्त वर्ष खत्म होने के कारण अब नए आदेश तक चयनित पूर्व पंचायत प्रतिनिधियों के खातों में पैसे नहीं डाले जाएंगे।
इस राशि के जारी करने को लेकर भूतपूर्व सरपंच एसोसिएशन दर्जनों बार आंदोलन कर चुकी है तथा सीएम व राज्यपाल को मांगपत्र भेजकर रोष जता चुकी है। सरकार ने बजट तो जारी कर दिया लेकिन अंतिम समय में वित्त विभाग द्वारा रोक लगाने से पूर्व पंचायत प्रतिनिधियों का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया है।
यह है मामला
प्रदेश सरकार ने वर्ष 2018 में पूर्व सरपंचों को सम्मान भत्ते के तौर पर अप्रैल 2019 से प्रतिमाह एक हजार रुपये की शुरुआत करने की घोषणा की। एक साल गुजरने के बाद भी आवेदकों को एक रुपया भी नहीं जारी हो पाया। जिसके बाद प्रदेश सरकार ने अगस्त 2020 में 50 सरपंचों के खातों में 5-5 हजार रुपये भेजे लेकिन उसके बावजूद अभी तक दो साल बीतने पर भी कई पूर्व प्रतिनिधियों के खातों में एक भी रुपया नहीं आया। एसडीएम शंभु राठी के प्रयास से आखिरकार राज्य सरकार के वित्त विभाग ने पूर्व सरपंचों के बकाया सम्मान भत्ते के लिये दस लाख की राशि जारी कर दी है जिस पर अब रोक लगा दी गई है।
क्या कहते हैं अधिकारी
बीडीपीओ युदवीर सिंह ने इस मामले में कहा कि मामूली त्रुटि है जिसे ठीक करने के बाद सभी चयनित खातों में जल्द ही बकाया सम्मान भत्ता भेज दिया जाएगा।