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हरियाणा में फिफ्टी-फिफ्टी, 5 पर कमल, 5 हाथ के साथ

जीटी रोड बेल्ट पर भाजपा को तगड़ा झटका

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दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू

चंडीगढ़, 4 जून

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हरियाणा में लोकसभा चुनावों के नतीजे ठीक वैसे ही आए हैं, जैसा कि चुनावों के दौरान आकलन किया जा रहा था। इस बार भाजपा और ‘इंडिया’ गठबंधन के बीच कांटे की टक्कर थी। ऐसे में नतीजे भी फिफ्टी-फिफ्टी रहे। प्रदेश की 10 लोकसभा सीटों में से सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस ने पांच-पांच सीटों पर जीत दर्ज की है। दक्षिण हरियाणा में भाजपा अपनी पकड़ बनाकर रखने में कामयाब हुई है लेकिन जीटी रोड बेल्ट और मध्य हरियाणा में भाजपा को तगड़ा झटका लगा है।

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2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने सभी 10 सीटों पर जीत हासिल की थी। यानी इस बार भाजपा को पांच सीटों का नुकसान हुआ है। भाजपा ने करनाल, कुरुक्षेत्र, भिवानी-महेंद्रगढ़, गुरुग्राम व फरीदाबाद में जीत हासिल की है। वहीं कांग्रेस अंबाला, सिरसा, हिसार, रोहतक व सोनीपत में चुनाव जीती है। प्रदेश में दूसरी सबसे बड़ी जीत भी कांग्रेस के नाम रही। रोहतक से कांग्रेस टिकट पर दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने 3 लाख 45 हजार से अधिक मतों के अंतर के साथ जीत दर्ज की। 2019 के चुनावों में भाजपा के अरविंद शर्मा ने उन्हें 7500 के करीब मतों से हराया था। इससे पहले दीपेंद्र रोहतक में जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं।

दूसरी बड़ी जीत पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा की रही। सिरसा पार्लियामेंट से भाजपा के डॉ़ अशोक तंवर को सैलजा ने 2 लाख 68 हजार 497 मतों से शिकस्त दी। जीत के मामले में करनाल से भाजपा प्रत्याशी और पूर्व सीएम मनोहर लाल तीसरे पायदान पर रहे।

उन्होंने 2 लाख 32 हजार 845 मतों के अंतर से कांग्रेस प्रत्याशी दिव्यांशु बुद्धिराजा को चुनाव हराया। हिसार लोकसभा सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस प्रत्याशी जयप्रकाश ‘जेपी’ ने प्रदेश के बिजली मंत्री व भाजपा प्रत्याशी चौ़ रणजीत सिंह को 63 हजार 381 मतों से हराया है।

हिसार में नोटा ने 3366 वोट लेकर 22 निर्दलीय व विभिन्न दलों के प्रत्याशियों को हराया है। सबसे कम जीत सोनीपत में कांग्रेस के सतपाल ब्रह्मचारी की रही है। उन्होंने भाजपा के मोहनलाल बड़ौली को 21 हजार 816 मतों से शिकस्त दी।

कांग्रेस ने बढ़ाया 15.7 प्रतिशत वोट

देशभर में कांग्रेस का सबसे अधिक वोट प्रतिशत इस बार हरियाणा में बढ़ा है। 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को 28 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे। वहीं इस बार इसमें 15.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ यह 43.7 प्रतिशत तक पहुंच गया। वहीं भाजपा का वोट प्रतिशत 58 प्रतिशत से गिरकर 46 प्रतिशत रह गया है। इसे सत्ता विरोधी लहर भी कहा जा सकता है। उत्तर भारत में कांग्रेस को सबसे अधिक वोट मिले हैं। वहीं पूरे देश में कांग्रेसशासित कर्नाटक के बाद दूसरे स्थान पर है। 45 साल की उम्र में पांचवी बार संसद पहुंचने का रिकार्ड दीपेंद्र हुड्डा ने बनाया है। पहले जीत की हैट्रिक लगा चुके दीपेंद्र वर्तमान में राज्यसभा सांसद हैं। अब वे फिर से लोकसभा के लिए चुने गए। दीपेंद्र ने कोसली सहित रोहतक पार्लियामेंट के सभी 9 विधानसभा हलकों में लीड हासिल की है।

उधर कुरुक्षेत्र में अभय चौटाला तथा हिसार में नैना व सुनैना चौटाला की जमानत जब्त हो गयी।

कृष्णपाल गुर्जर ने लगाई हैट्रिक

फरीदाबाद लोकसभा में केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने कांग्रेस के महेंद्र प्रताप सिंह को 1 लाख 72 हजार 914 मतों के अंतर से पराजित किया। गुर्जर ने साल 2019 के चुनाव में देश की सबसे बड़ी तीसरी जीत हासिल की थी। गुर्जर ने इस सीट से तीसरी बार जीत हासिल करके हैट्रिक लगाई है।

धर्मनगरी के जिंदल सरताज कुरुक्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार नवीन जिंदल ने ‘इंडिया’ गठबंधन के उम्मीदवार डॉ़ सुशील गुप्ता को 29 हजार 21 मतों के अंतर से पराजित किया। इनेलो अभय सिंह चौटाला यहां से अपनी जमानत भी नहीं बचा सके।

धर्मबीर ने लहराया परचम भिवानी-महेंद्रगढ़ में भाजपा के धर्मबीर सिंह ने कांग्रेस के राव दान सिंह को 40 हजार 809 मतों के अंतर से पराजित किया। धर्मबीर सिंह इस पार्लियामेंट से लगातार तीसरी बार चुनाव जीते हैं।

पति की सीट पर हारीं बंतो अंबाला से लगातार दो बार सांसद रहे रतनलाल

कटारिया की पत्नी बंतो कटारिया कांग्रेस के मुलाना से विधायक वरुण चौधरी के हाथों चुनाव हार गईं।

इंद्रजीत सिंह का सिक्सर केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने गुरुग्राम से लगातार चौथी बार जीत दर्ज की। फिल्म अभिनेता और कांग्रेस प्रत्याशी राज बब्बर को 75 हजार 79 मतों से अंतर से चुनाव हराया। भाजपा टिकट पर इस सीट से इंद्रजीत तीसरी बार जीते हैं। संसद में छठी बार पहुंचने वाले वे प्रदेश के पहले नेता बन गए हैं। वहीं लगातार पांच बार जीत का रिकार्ड भी बनाया है।

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