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हलवासिया विद्या विहार में मनाई फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ की जयंती

भिवानी, 3 अप्रैल (हप्र) स्थानीय हलवासिया विद्या विहार के माधव सभागार में अभिमन्यु सदन की देख-रेख में फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ की जयंती बहुत धूमधाम से मनाई गई। सर्वप्रथम प्राचार्य विमलेश आर्य, वरिष्ठ विभाग प्रमुख एलेग्जेंडर दास, अमरेंद्र कुमार, माध्यमिक...
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भिवानी, 3 अप्रैल (हप्र)

स्थानीय हलवासिया विद्या विहार के माधव सभागार में अभिमन्यु सदन की देख-रेख में फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ की जयंती बहुत धूमधाम से मनाई गई।

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सर्वप्रथम प्राचार्य विमलेश आर्य, वरिष्ठ विभाग प्रमुख एलेग्जेंडर दास, अमरेंद्र कुमार, माध्यमिक विभाग प्रमुख सुवीरा गर्ग, इंचार्ज वीणापाणि मेहता, अभिमन्यु सदन प्रमुख कविता तंवर, आचार्या रेखा ठाकुर, मीनू तंवर, लक्ष्मी शर्मा द्वारा सैम मानेकशॉ की प्रतिमा के समक्ष पुष्पार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। आचार्या किरण मखीजा ने भारत के पहले फील्ड मार्शल (सैम मानेकशॉ) के जीवन परिचय व उनके समाज में योगदान पर प्रकाश डालते हुए बताया कि फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ को सैम बहादुर या सैम द ब्रेव के नाम से भी जाना जाता है। 3 अप्रैल, 1914 को अमृतसर, पंजाब के एक पारसी परिवार में उनका जन्म हुआ था। उनके पिता हॉरमुसजी मानेकशॉ एक डॉक्टर थे और उनकी माता हिलानी मेहता गृहिणी थी।

विद्यालय प्राचार्य विमलेश आर्य ने सैम बहादुर की कुशल रणनीतिक क्षमता 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारत की जीत में महत्वपूर्ण थी जिसके परिणामस्वरुप बांग्लादेश का निर्माण हुआ। उनका साहस अविस्मरणीय है जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता।

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