चंडीगढ़, 18 मई (ट्रिन्यू)
प्रदेश सरकार ने गांवों में डोर-टू-डोर लोगों का स्वास्थ्य जांचना शुरू कर दिया है। पहले चरण में इस काम के लिए सभी जिलों में 50-50 टीमों का गठन किया है। कुल 1100 टीमों ने गांवों में सर्वे शुरू कर दिया है। प्रत्येक टीम में 4 लोग आशा वर्कर, आंगनवाड़ी वर्कर, शिक्षक तथा महिला पंच या ग्राम सचिव शामिल हैं।
शुरुआत उन गांवों से की है, जिन्हें सरकार ने हॉट-स्पॉट घोषित किया हुआ है। कोरोना के 15 या इससे अधिक पॉजिटिव मरीज वाले गांवों को हॉट-स्पॉट की सूची में रखा है। ऐसे गांवों में स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर-घर जाकर लोगों का स्वास्थ्य जांच रही हैं। बुखार, खांसी और जुकाम वाले मरीजों का रेपिड एंटीजन टेस्ट किया जा रहा है। इस टेस्ट में पॉजिटिव मिलने वाले मरीजों का उपचार शुरू किया गया है।
इतना ही नहीं, ऐसे सभी मरीजों को मेडिकल किट दी जा रही है, जिससे वे घर पर रहकर ही उपचार कर सकें। प्रदेश सरकार ने सभी गांवों में सर्वे के लिए कुल 8 हजार टीमों का गठन किया है। अब दूसरे चरण में सरकार ने कुल 2500 टीमों को गांवों में सर्वे के लिए उतार दिया है। एक अनुमान के अनुसार, अभी तक 10 लाख लोगों का स्वास्थ्य जांचा जा चुका है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहा कि ये टीमें कोविड के अलावा दूसरी बीमारियों की भी जांच करेंगी। कौशल ने कहा है कि राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण को कम करने के लिए ‘महामारी अलर्ट-सुरक्षित हरियाणा’ की अवधि अब 24 मई तक बढ़ा दी है। लॉकडाउन का असर भी दिखने लगा है। कोरोना संक्रमण की दर 27 प्रतिशत से घटकर अब 15.76 प्रतिशत रह गई है। लॉकडाउन के परिणामस्वरूप प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 10 प्रतिशत तक नीचे आया है। कौशल ने कहा कि कोविड-19 वायरस का नया वेरिएंट अधिक काफी तेजी से फैलता है। सरकार की चिंता है कि हरियाणा के गांव और शहर की दूरी ज्यादा नहीं है और हरियाणा के ग्रामीण शहरों में आते जाते रहते हैं। इसलिए हम चाहते हैं कि गांव के लोग इस बीमारी से ज्यादा प्रभावित न हो, उन्हें अच्छा उपचार मिले। इसके लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निर्देशों पर गांवों में डोर-टू-डोर सर्वे शुरू किया है।
उन्होंने कहा कि सरकार इस सर्वे को 5 से 6 दिन में करना चाहती है। सबसे पहले जो संक्रमित गांव हैं, वहां से इस सर्वे को शुरू किया है। कौशल ने ग्रामीणों से आग्रह करते हुए कहा कि वह डॉक्टर के पास और अस्पताल में जाने के लिए हिचकीचाहे नहीं बल्कि दिक्कत होने पर अपनी जांच करवाएं। कोरोना से पीड़ित 90 प्रतिशत लोग घर पर ही ठीक हो जाते हैं यदि वे अपने आपको आइसोलेट कर लेते हैं और उन्हें डॉक्टर से संपर्क करनी जरूरत भी नहीं होती।