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प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में नहीं बढ़ेगी फीस

सुशील शर्मा/निस लोहारू, 26 अगस्त प्राइवेट कॉलेजों की फीस बढ़ोतरी का प्रस्ताव सरकार ने नामंजूर कर दिया है। दैनिक ट्रिब्यून ने इस खबर को प्रमुखता से उठाया था। इस बार प्रदेश के तीनों प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में फीस गत वर्ष...
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सुशील शर्मा/निस

लोहारू, 26 अगस्त

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प्राइवेट कॉलेजों की फीस बढ़ोतरी का प्रस्ताव सरकार ने नामंजूर कर दिया है। दैनिक ट्रिब्यून ने इस खबर को प्रमुखता से उठाया था। इस बार प्रदेश के तीनों प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में फीस गत वर्ष जितनी ही रहेगी, लेकिन मध्यप्रदेश की तर्ज पर प्राइवेट कॉलेजों में प्रवेश के इच्छुक हरियाणा के विद्यार्थियों को बिना कोलेटरल गारंटी के या सरकार की गारंटी पर एजुकेशन लोन मुहैया कराने जैसी बेहतरीन नीति हरियाणा सरकार नहीं बना पाई।

मध्यप्रदेश के प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस पढ़ने के लिए वहां के विद्यार्थियों की फीस मध्यप्रदेश सरकार अपनी गारंटी पर एजुकेशन लोन के तौर पर मुहैया कराती है। इससे मध्यप्रदेश के गरीब बच्चे भी प्राइवेट कॉलेजों से एमबीबीएस कर पाते हैं। इसके बदले में मध्यप्रदेश सरकार विद्यार्थियों से राजकीय सेवा का बॉन्ड भरवाती है। इस तरह मध्यप्रदेश में गरीब छात्रों के डॉक्टर बनने का सपना भी पूरा हो जाता है। इस बार सरकार ने निम्न तीन प्राइवेट कॉलेजों की ट्यूशन फीस गत वर्ष की ही तरह 12 लाख रुपये वार्षिक तथा हर वर्ष इसमें 7.5 फीसदी बढ़ोतरी तय की है। इसके अलावा अधिकतम 75 हजार रुपये वार्षिक हॉस्टल फीस तथा वास्तविक मेस चार्ज लिया जाएगा। पंखे एवं लाइट का कोई अलग से चार्ज नहीं होगा। दो लाख रुपये एकमुश्त वापसी योग्य सिक्योरिटी प्रवेश के समय ली जाएगी।

इन तीनों विश्वविद्यालयों की फीस में हॉस्टल फीस शामिल है या नहीं। यह बात सरकार ने अपने नियमों में स्पष्ट नहीं की है। इसकी वजह से हॉस्टल फीस के नाम पर ये संस्थाएं विद्यार्थियों का शोषण कर सकती हैं। इस बारे में स्पष्ट करने के लिए स्वास्थ्य शिक्षा निदेशक से फोन पर बात करने की कोशिश की गई, लेकिन जवाब नहीं मिल पाया। एमबीबीएस के प्राइवेट कॉलेजों के साथ-साथ हरियाणा में सरकारी कॉलेजों में पूरे साढ़े चार वर्ष के कोर्स की फीस 4 लाख 22 हजार 910 रुपये है। वहीं एकमात्र एडिड कॉलेज महाराजा अग्रसेन अग्रोहा की पूरी कोर्स फीस 8 लाख 10 हजार रुपये है, लेकिन इतनी कम फीस के बदले में विद्यार्थियों को क्रमशः 25 लाख 77 हजार व 21 लाख 90 हजार रुपये का बैंक बॉन्ड सरकार को देना होगा। मतलब यदि कोर्स पूरा होने के बाद विद्यार्थी ने राजकीय सेवा नहीं की तो उसे ये रुपये भरने पड़ेंगे। यदि बॉन्ड के अनुसार राजकीय सेवा की तो सरकार स्वयं यह राशि भुगताएगी।

बेहतर नीति बनाएंगे : सोमबीर

पूर्व विधायक एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सोमबीर सिंह ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही हरियाणा के विद्यार्थियों को एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए बेहतरीन नीति तैयार की जाएगी। मध्यप्रदेश मॉडल को भी ध्यान में रखकर उससे भी अच्छी नीति बनाई जाएगी ताकि हरियाणा के यहीं के ही सरकार और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में पढ़ें और यहीं के सरकारी अस्पतालों में लगकर हरियाणा की जनता की सेवा करें।

150-150 सीटों के तीन प्राइवेट कॉलेज

1. आदेश मेडिकल कॉलेज, शाहाबाद

2. एनसी कॉलेज पानीपत

3. वर्ल्ड कॉलेज झज्जर

इनके अलावा 150-150 सीटों के तीन प्राइवेट विश्वविद्यालय भी हैं जिनका शुल्क निम्न हैः-

1. एसजीटी गुड़गांव:- 21 लाख सालाना

2. अल-फलाह विश्वविद्यालय, फरीदाबाद:- 16 लाख 37 हजार 500 रुपए सालाना

3. महर्षि मारकंडेश्वर विश्वविद्यालय, अम्बाला :- 17 लाख रुपये सालाना रुपए 10 फीसदी हर वर्ष बढ़ोतरी

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