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यमुना, घग्गर, मारकंडा की लहरों से खौफ

हरियाणा में पानी का कहर : नदियों के किनारे बसे गांवों के लोगों को सावधान रहने की अपील
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यमुनानगर के हथिनीकुंड बैराज पर यमुना का रौद्र रूप। - हप्र
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हरियाणा की नदियों में उफान के चलते राज्य का मौसम अब डर और सतर्कता के बीच झूल रहा है। यमुना, घग्गर, मारकंडा और टांगरी नदियों के किनारे बसे गांवों में प्रशासन ने बार-बार चेतावनी जारी की है कि जलस्तर बढ़ रहा है और लोग सावधान रहें। इन नदियों के कारण ग्रामीणेां में खौफ का मंजर है। मौसम विभाग के अनुसार आने वाले तीन दिनों तक बारिश का सिलसिला रुकने की उम्मीद नहीं है, जबकि ओरेंज और येलो अलर्ट ने राज्यवासियों की चिंता और बढ़ा दी है।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी हर हालात पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने उपायुक्तों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर प्रदेश भर में बारिश और बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने साफ निर्देश दिए कि किसी भी आबादी वाले क्षेत्र में जलभराव न हो। सभी उपायुक्तों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश मिला कि नदियों के बढ़ते जलस्तर की निगरानी की जाए और नागरिकों तथा पशुधन की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता हो।

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प्रभावित जिलों में स्कूलों को बंद रखने के आदेश भी मुख्यमंत्री ने जारी किए हैं। पंचायत प्रतिनिधियों, रेज़िडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों और सिविल सोसाइटी संगठनों को राहत और बचाव कार्यों में शामिल किया जा रहा है ताकि प्रभावित लोगों तक मदद समय पर पहुंचे। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सभी जिलों में तैयारियों का जायजा लिया और आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए।

एचडीआरएफ और प्रशासन अलर्ट

प्रदेश में भारी बारिश और नदियों में उफान के कारण हरियाणा डिजास्टर रिलीफ फोर्स (एचडीआरएफ) को अलर्ट पर रखा गया है। मुख्यमंत्री ने सभी विभागाध्यक्षों को निर्देशित किया है कि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत मदद उपलब्ध कराई जाए। शहरी क्षेत्रों में जलनिकासी बाधारहित रखने के लिए पर्याप्त पंपिंग सेट्स की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग को भी सतर्क रहने के आदेश दिए गए हैं ताकि अस्पतालों में आवश्यक दवाइयां, मोबाइल मेडिकल टीमें, ओआरएस, टीके और एंबुलेंस सेवाएं तैयार रहें। पशुपालन विभाग को पशुओं के लिए चारा, दवाइयां और टीकाकरण सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए गए हैं।

पानी छोड़ने से यमुना व अन्य नदियों में बाढ़ का खतरा बढ़ा

हथिनी कुंड बैराज से यमुना नदी में पानी छोड़े जाने के बाद यमुनानगर, करनाल, पानीपत, सोनीपत, दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद और पलवल में बाढ़ का खतरा लगातार बढ़ा है। तटीय क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति बन गई है, और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की चेतावनी दी गई है। सिर्फ यमुना ही नहीं, मारकंडा, घग्गर और टांगरी नदी में भी जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। प्रशासन ने जलप्रवाह में रुकावट पैदा करने वाले गाद को जेसीबी मशीनों से हटाने का काम शुरू कर दिया है। पंचकूला, अंबाला, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, झज्जर, हिसार, करनाल, पानीपत, सोनीपत और गुरुग्राम में एहतियातन स्कूल बंद कर दिए हैं।

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