चंडीगढ़, 15 जनवरी (ट्रिन्यू)
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) अब सरकारी खरीद एजेंसियों व राइस मिलरों से सामान्य चावल नहीं खरीदेगा। हरियाणा से एफसीआई को 20 लाख टन फोर्टिफाइड चावल लेना है, लेकिन अभी तक मिला है सिर्फ 3 लाख 40 लाख हजार टन। ऐसे में एफसीआई प्रबंधन ने स्पष्ट हिदायत दी है कि पहले बाकी बचे फोर्टिफाइड राइस की आपूर्ति देनी होगी। उसके बाद ही बाकी का बचा हुआ सामान्य चावल खरीदा जाएगा। इस साल एफसीआई ने हरियाणा को 37 लाख टन सीएमआर (कस्टम मिल्ड राइस) का लक्ष्य दिया गया है। इसमें 20 लाख टन फोर्टिफाइड चावल लेना है। हालांकि पिछले साल मिलर्स केवल 37 हजार टन ही फोर्टिफाइड राइस दे पाए थे।
व्यापार मंडल के राष्ट्रीय मुख्य महासचिव व प्रदेश अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने आरोप लगाया कि फोर्टिफाइड राइस की सप्लाई स्थानीय राइस मिलर्स को देने की बजाय महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान की कंपनियों को देने में बड़ा खेल हुआ है। यह कंपनियां हरियाणा के राइस मिलर्स से 44-45 रुपये किलो में फोर्टिफाइड राइस लेकर सरकार को 59.60 रुपये में देकर करोड़ों रुपये कमा रही हैं। इससे प्रदेश की 60 फोर्टिफाइड राइस मिलों को भी भारी नुकसान हुआ है।