Fatehabad: गंदे पानी की निकासी न होने पर फूटा महिलाओं का गुस्सा, नगर परिषद कार्यालय के दरवाजे बंद किए
Fatehabad News: फतेहाबाद की आउटर एरिया की हंस कॉलोनी में गंदे पानी की निकासी न होने से गुस्साई महिलाओं ने नगर परिषद कार्यालय का दरवाजा बंद कर दिया। महिलाएं अपनी समस्या बताने अधिकारियों के पास आई थी। मगर उन्हें न...
Fatehabad News: फतेहाबाद की आउटर एरिया की हंस कॉलोनी में गंदे पानी की निकासी न होने से गुस्साई महिलाओं ने नगर परिषद कार्यालय का दरवाजा बंद कर दिया। महिलाएं अपनी समस्या बताने अधिकारियों के पास आई थी। मगर उन्हें न ईओ मिले और न ही प्रधान-उपप्रधान। इससे नाराज महिलाओं ने गेट पर खड़े होकर उसे बंद कर दिया और आवाजाही रोक दी। महिलाओं ने नगर परिषद प्रशासन के खिलाफ जमकर रोष जताया। इसके बाद सैकडो पुरुष व महिलाएं गेट पर ही धरना लगाकर बैठ गई।
महिलाओं नीलम, पूजा, आशा, बिमला, राज रानी आदि ने कहा कि पिछले लंबे समय से हंस कॉलोनी में गंदे पानी की निकासी के प्रबंध नहीं किए जा रहे हैं। पूरी आबादी होने के बाद भी सीवर लाइन नहीं बिछाई जा रही है। न ही बरसाती पानी निकासी की कोई लाइन बिछी है। लोगों के घरों के सामने ही कई फूट तक गंदा पानी भरा रहता है।
दो-तीन दिन पहले ढाई साल का बच्चा भी पानी में गिर गया। बड़ी मुश्किल से उसका बचाव हो सका। गंदे पानी के ठहराव से कॉलोनी में बीमारियों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, लेकिन अधिकारियों को बार-बार समस्या के बारे में बताने के बाद भी कोई समाधान नहीं निकाला जा रहा है। महिलाएं वार्ड के पार्षद संजय रूखाया से भी खफा है।
महिलाएं और उनके साथ कॉलोनी के कुछ लोग सुबह नगर परिषद कार्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने जब पता किया तो उन्हें सूचना दी गई कि ईओ राजेंद्र सोनी छुट्टी पर चल रहे हैं। उनकी समस्या सुनते वाला कोई अधिकारी या जनप्रतिनिधि नहीं है। जिस पर महिलाओं का गुस्सा फूट पड़ा।
उन्होंने ऐलान कर दिया कि वे नगर परिषद के गेट पर ही बैठी रहेंगी, जब तक अधिकारी आकर उनकी समस्या का समाधान नहीं करते, तब तक वे यहां से नहीं हटेंगी। इन महिलाओं व लोगों को समर्थन देने के लिए जिंदगी संस्था के अध्यक्ष हरदीप सिंह भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने भी अधिकारियों से समस्या के समाधान की मांग की। ईओ के निर्देश पर आरओ वीरेंद्र कुमार लोगों के बीच पहुंचे और उनकी बात सुनी। उन्होंने लोगों को आश्वासन दिया कि जल्द ही उनका समस्या का समाधान किया जाएगा। लेकिन महिलाएं गेट पर ही धरने पर बैठी हैं।