बहादुरगढ़, 23 जून (निस)
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से वार्ता के दौरान बात सिरे नहीं चढ़ने के बाद किसानों में रोष है। शुक्रवार को आसौदा स्थल पर किसान पंचायत हुई। पंचायत में किसानों ने अपनी मांगें उठाईं और अन्न त्याग सत्याग्रह का ऐलान किया गया। ये भी कहा गया कि किसानों की सभी 25 मांगें जायज हैं और वे बढ़ा हुआ मुआवजा और मांग पूरी कराकर ही दम लेंगे।
जमीन अधिग्रहण मुआवजे सहित अन्य मांगों को लेकर पिछले करीब 6 महीने से मांडौठी केएमपी टोल के पास किसानों का धरना चल रहा है। इस आंदोलन के तहत हरियाणा बंद और भारत बंद तक का ऐलान किया जा चुका है। बृहस्पतिवार को भारत भूमि बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष एवं किसान नेता रमेश दलाल की मुख्यमंत्री से मुलकात हुई थी। मांगों को लेकर वह वार्ता सिरे नहीं चढ़ सकी। इसके बाद शुक्रवार को पंचायत का ऐलान कर दिया गया। बड़ी संख्या में किसान इस पंचायत में जुटे। रमेश दलाल ने कहा कि पिछले करीब 6 महीने से किसान संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन सरकार सुनवाई नहीं कर रही। सरकार आर्बिटेशन के जरिये बढ़ा हुआ मुआवजा देना चाहती है और किसान अवार्ड में संशोधन की मांग पर अड़े हैं। अवार्ड में संशोधन से ही बढ़ा हुआ मुआवजा लेंगे। मुआवजे और समगौत्र विवाह निषेध की मांग पर किसी भी सूरत में समझौता नहीं किया जा सकता। सरकार के पास हमारी तमाम मांगें जा चुकी हैं। वार्ता भी हो चुकी है और अब मजबूती के साथ लड़ाई लड़ेंगे। किसानों को एकजुट करने के लिए अन्न त्याग सत्याग्रह शुरू किया जा रहा है। एकजुट होने के बाद सड़क,
रेल और पानी रोक देंगे। सरकार
ने किसानों को डरा रखा है।
अन्न त्याग सत्याग्रह से वह अपने भाईचारे का डर निकालकर अपने साथ खड़ा करेंगे।