किसान बाजार की मांग के अनुसार करें खेती, आय में होगी वृद्धि : दलाल
भिवानी 27 नवंबर, (हप्र)
भिवानी के गांव गिगनाऊ में स्थित इंडो-इजराइल आधारित बागवानी उत्कृष्टता केंद्र में दो दिवसीय प्रदेश स्तरीय बागवानी मेले का समापन प्रगतिशील किसानों के पुरस्कार वितरण समारोह के साथ हुआ। हरियाणा के कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ने प्रगतिशील किसानों को पुरस्कार वितरण देने के साथ ही मेले में भाग लेने वाले किसानों को लक्की ड्रा के माध्यम से निकले कृषि यंत्र सौंपे।
दलाल ने कहा कि दो दिवसीय किसान मेले मेें प्रदेश से आए हजारों किसानों ने कृषि व बागवानी के क्षेत्र में आई नई तकनीकों को विशेषज्ञों के माध्यम से ना केवल समझा, बल्कि इनके व्यवहारिक प्रयोग को भी इस केंद्र में देखा है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय बागवानी मिशन को आगे बढ़ाते हुए राज्य सरकार प्रदेश के किसानों को पोली हाऊस, नैट हाऊस, बीज, ड्रोन के प्रयोग व नैनो यूरिया के प्रयोग के बारे में जागरूक कर रही है। इससे किसानों की आय बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश में 10 हजार युवा किसानों को आधुनिक तकनीकों का प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वयं का रोजगार स्थापित करने लायक बनाया जाएगा। उन्होंने किसानों से अपील कि वे परंपरागत खेती को छोड़कर बाजार की मांग के अनुसार खेती करें, इससे किसानों को बड़ा लाभ होगा तथा उनकी आय में वृद्धि होगी। इसके लिए राज्य सरकार ना केवल नि:शुल्क ट्रेनिंग देती है, बल्कि किसानों को अत्याधुनिक खेती अपनाने के लिए सब्सिडी पर कृषि यंत्र, पोली हाऊस, नैट हाऊस व अन्य तकनीकों की सहायता भी दे रही है। आज राज्य सरकार 14 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य देने के साथ ही जीरी का भाव देश में सबसे अधिक 5300 रुपये प्रति क्विंटल दे रही है तथा गन्ना किसानों का भी न्यूनतम समर्थन मूल्य हाल ही में राज्य सरकार ने बढ़ाया है। उन्होंने दक्षिण हरियाणा के मरूस्थली क्षेत्र के किसानों से अपील की कि वे आधुनिक तकनीक का प्रयोग कर खजूर, अमरूद, बेर, स्ट्रॉबेरी, एवोकॉडा, अखरोट व अन्य सब्जियों का उत्पादन कर सकते हैं। कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने जापान की मदद से 2700 करोड़ रुपये का ऋण लेकर दक्षिण हरियाणा के मरुस्थली क्षेत्र के लिए फल-फूल और बागवानी उत्पादों के पैकिंग हाऊस खोलने के लिए प्रोजेक्ट बनाया है, जिसे जल्द ही मूर्त रूप दिया जाएगा।
मधुमक्खी पालन से पाया पुरस्कार
इस मौके पर बागवानी के प्रगतिशील किसान का पुरस्कार पाने वाले गांव तालु के किसान प्रदीप ने बताया कि वे मधुमक्खी पालन का कार्य करते हैं। इससे उन्हें न केवल शहद, बल्कि वैक्स व पोलन का भी उत्पादन होता है। जिससे उन्हें अतिरिक्त लाभ होता है। इसी के चलते आज उन्हें यह पुरस्कार मिला है। इजराइली दूतावास नई दिल्ली से बागवानी मेले में पहुंची राजनीतिक सलाहकार मिस होडास बक्सत ने कहा कि लोहारू का इलाका बहुत कम समय में विकसित हुआ है। इसका पूरा श्रेय कृषि मंत्री जेपी दलाल को जाता है। इजराइल और भारत के मैत्री पूर्ण संबंध जारी रहेंगे।