देशपाल सौरोत/हप्र
पलवल, 1 फरवरी
केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों को रद्द कराने की मांग को लेकर जिले के किसानों ने एक बार फिर से पलवल में केजीपी-केएमपी चौक स्थित नेशनल हाईवे-19 पर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। हालांकि किसानों को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने भारी पुलिस बल की तैनाती की थी, लेकिन किसानों के जोश के आगे जिला प्रशासन और पुलिस बल की एक न चली।
अब किसानों का कहना था कि जब-तक तीनों कृषि कानून रद्द नहीं होंगे तब तक किसान हाईवे से नहीं हटेंगे और उनका यह धरना इसी प्रकार जारी रहेगा। इसके लिए उन्हें चाहे कोई भी कुर्बानी क्यों न देनी पड़े। इस दौरान किसानों ने केंद्र व प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।
पहले दिन धरने की अध्यक्षता 52 पालों के अध्यक्ष अरुण जेलदार सोंध ने की। सोमवार सुबह ही पूर्व कैबेनिट मंत्री करण सिंह दलाल के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी केजीपी-केएमपी चौक पर पहुंच गए, लेकिन प्रशासन ने पहले ही वहां भारी पुलिस बल तैनात कर रखा था। पुलिस ने हाईवे पर धरना देने से साफ मना कर दिया। भारी पुलिस बल के चलते लोगों को वहां धरना लगाने में काफी मश्क्कत करनी पड़ी, लेकिन इसी बीच पृथला के पूर्व विधायक एवं जिले की तेवतिया पाल के प्रमुख पंच रघुबीर सिंह तेवतिया, होडल के पूर्व विधायक उदयभान, युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता तरुण तेवतिया, इनेलो के प्रदेश महासचिव महेंद्र चौहान, पुन्हाना के विधायक मौहम्मद इलियास, मास्टर महेंद्र सिंह चौहन, जिला बार एसोसिएशन के प्रधान दीपक चौहान व किसान धरना कमेटी के स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती व राजेश रावत बहीन भी मौके पर पहुंच गए। इसके बाद प्रशासन से बातचीत के बाद धरना शुरू कर दिया गया।
झुकेंगे नहीं सरकार को देंगे जवाब
पूर्व मंत्री करण सिंह दलाल ने सरकार को खुली चेतावनी दी कि 26 जनवरी के दिन पलवल जिला पुलिस ने जिन दो हजार से अधिक किसानों पर केस दर्ज किया है, अगर उसे अगले 15 दिन के अंदर रद्द नहीं किया तो कृषि कानूनों के साथ-साथ दूसरा बड़ा आंदोलन भी किया जाएगा। वह सरकार व प्रशासन की ईंट से ईंट बजा देंगे। उन्होंने कहा कि प्रशासन नहीं चाहता था कि जिले के किसान इन काले कृषि कानूनों के खिलाफ धरना दें, लेकिन बृज की इस धरती ने आज यह कर दिखाया कि चाहे कुछ भी हो वे झुकेंगे नहीं व धरना अवश्य देंगे और वहीं देंगे जहां से पुलिस प्रशासन गत 28 जनवरी को उनका धरना उठवाया था।