जितेंद्र अग्रवाल/हप्र
अम्बाला शहर, 11 दिसंबर
कृषि कानूनों की वापसी और अन्य मांगों पर सहमति बनने के बाद आज जहां शंभू टोल धरनास्थल पर श्री सुखमणि साहिब के पाठ का आयोजन करके किसानों ने देश में सुख-शांति की अरदास की। इसके उपरांत अरदास करके जलेबियों का लंगर शुरू किया गया। किसान खुशी के मारे एक-दूसरे को जलेबियां खिला रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर बॉर्डर से आये किसान व महिलाएं ढोल-नगाड़ों पर नाच कर अपनी खुशी जाहिर कर रहे है। दरअसल नेशनल हाईवे यानी जीटी रोड पर आज कुछ अलग प्रकार का खुशनुमा माहौल नजर आ रहा है।
जीटी रोड पर दूर-दूर तक ट्रैक्टर ट्रॉलियां, कारें आदि ही नजर आ रहे थे। अंतर केवल इतना है कि पिछले वर्ष नवंबर में यह लोग आंदोलन के लिए दिल्ली की ओर जा रहे थे और आज करीब एक साल बाद जीतकर वापस अपने घरों को लौट रहे हैं। कृषि कानूनों के खिलाफ जंग जीतकर सैकड़ों वाहनों में पंजाब वापस लौट रहे इन किसानों की सारी थकावट जगह-जगह किए जा रहे स्वागत और प्रसाद-लंगर ने उतार दी है। किसानों ने कहा कि एक साल 17 दिन हो गए हैं। किसानों ने बताया कि संघर्ष के दिनों में पंजाब और हरियाणा के किसानों में आपसी संबंध इतने मजबूत हो गए हैं कि वे एक-दूसरे के सुख-दुख के स्थायी साथी बन चुके हैं।
कल दिल्ली से निकलने वाला ‘फतेह मार्च’ टाला
दिल्ली से आये किसानों का कहना है कि एक साल का समय बहुत चुनौतीपूर्ण रहा लेकिन हमें खुशी है, हमारी मेहनत रंग लायी। तमिलनाडु में हुई दुर्घटना में मारे गए जवानों के दुख में हमने कल दिल्ली से निकलने वाला फतेह मार्च हमने टाल दिया था। आमतौर पर किसानों का कहना था कि ये लोकतंत्र की जीत है और सरकारों को यह सोच लेना चाहिए कि वे जनहित के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाएं। दिल्ली से आये किसान व महिलाएं शम्भू टोल प्लाजा पर खुशी में ढोल-नगाड़ों पर झूम रहे हैं। यह सिलसिला 15 दिसंबर तक चलने की उम्मीद है और उसी दिन से टोल को मुक्त कर दिया जायेगा।