प्रथम शर्मा/हप्र
झज्जर, 29 अक्तूबर
पिछले 11 महीनों से बंद टीकरी बॉर्डर से दिल्ली की ओर जाने के रास्ते के खुलने की चर्चाओं पर एक बार फिर विराम लग गया है। माना जा रहा था कि शुक्रवार को रास्ते को खोल कर वाहनों को बहाल कर दिया जायेगा। लेकिन झज्जर जिला प्रशासन, दिल्ली पुलिस व किसानों के बीच हुई बैठक बेनीतजा रही। बताया जा रहा है कि बैठक में किसान केवल 5 फुट रास्ता खोलने को तैयार हुए। अब इसे लेकर शनिवार को फिर सुबह साढ़े 10 बजे बैठक बुलाई गई है। बैठक के बाद किसान नेताओं ने कहा कि दिल्ली के रास्ते उन्होनें नहीं, बल्कि पुलिस ने बंद किए हैं और अब अगर पुलिस खोलेगी तो आंदोलनकारियों को परेशानी हो सकती है। किसानें का कहना है कि अगर कोई हादसा होता है तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी। शुक्रवार को हुई बैठक में किसान बॉर्डर पर केवल 5 फुट का रास्ता देने को ही तैयार हुए, जिसमें पैदल, साइकिल, मोटरसाइकिल, ऑटो और एम्बुलेंस का आवागमन हो सके। किसान इस रास्ते पर कारों सहित अन्य वाहनों के आवागमन के लिए सहमत नहीं हुए। किसानों ने कहा कि कारों को संख्या बहुत ज्यादा है, जिससे यहां सारा दिन जाम लगा रहेगा। किसानों ने प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि हरियाणा और दिल्ली पुलिस अलग-अलग रणनीति बनाने में जुटी हैं। दिल्ली पुलिस सिर्फ दिल्ली से हरियाणा आने वालों के लिए रास्ता खोलना चाहती है, जबकि हरियाणा प्रशासन ने दोनों तरफ का रास्ता खोलने की बात रखी है। किसान नेताओं ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा 6 नवंबर को होने वाली बैठक में निर्णय लेंगे। डीसी श्यामलाल पूनिया ने कहा कि बैठक में सभी विषयों पर सहमति नहीं बन सकी, शनिवार को दोबारा बैठक बुलाई है।