पुरुषोत्तम शर्मा/हप्र
सोनीपत, 10 जनवरी
कृषि कानूनों को रद्द करने से सरकार की मनाही से नाराज किसान अब आर-पार के लिए तैयार हो गए हैं। किसानों ने साफ कर दिया है कि चाहे कुछ भी हो जाए, दिल्ली में 26 जनवरी को शक्ति प्रदर्शन जरूर करेंगे। इस बीच किसानों की निगाह सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर भी टिकी हुई है। सुप्रीम कोर्ट के रूख के बाद ही किसान संयुक्त मोर्चा की बैठक बुलाई गई है। इसमें किसान तय करेंगे कि आगे अब क्या करेंगे। इस बीच 26 जनवरी के लिए तैयारियों शुरू हो चुकी हैं।
इधर, कुंडली बाॅर्डर पर जत्थेबंदियों की दिनभर बैठक चली। लेकिन किसान नेताओं ने मीडिया से बातचीत से मना कर दिया और कहा कि सोमवार को सारी स्थिति स्पष्ट कर देंगे। इसमें 15 की बैठक में शामिल होने का फैसला भी शामिल है। किसान आज बताएंगे कि वह बैठक में जाएंगे या नहीं। इसके अलावा किसानों ने लोहड़ी पर्व पर कानूनों की प्रतियां जलाने का आह्वान किया है। 18 जनवरी को हर जिला व तहसील स्तर पर महिला किसान दिवस मनाया जाना है। अब बाॅर्डर के सभी मंचों की अगुवाई महिलाओं के हाथ देने की भी बात रखी गई है। इसमें सर्वसम्मति से निर्णय हो गया है।
इस बीच भारतीय किसान यूनियन हरियाणा (टिकैत ग्रुप) के प्रदेश अध्यक्ष रतन मान ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान किसानों का प्रतिनिधि मौजूद रहेगा। इसके लिए किसानों की वकीलों की टीम से बातचीत हो गई है। अगर जरूर हुई, तो सुप्रीम कोर्ट में प्रतिनिधि किसानों का पक्ष भी रखेगा। सुप्रीम कोर्ट क्या निर्णय लेता है, इस पर काफी हद तक दारोमदार है। हालांकि यह तय कर दिया है कि किसान 26 जनवरी को हर हाल में दिल्ली कूच करेंगे। वहीं, किसानों के कृषि कानूनों को लेकर शुरू किए गए जनजागरण अभियान को गति मिलने लगी है। महाराष्ट्र, बिहार, हरियाणा, यूपी, पंजाब राजस्थान और कनार्टक समेत कई राज्यों में किसानों की ये यात्राएं शुरू हो गई हैं। जो गांव-गांव जाकर किसानों को जागरूक कर रही हैं।
गोली मारे, चाहे लाठी चलाए, हम जाएंगे दिल्ली-चढूनी : इधर, भाकियू नेता गुरनाम सिंह चढूनी का कहना है कि गणतंत्र दिवस की परेड के लिए वह बैरिकेड तोड़ते हुए आगे बढ़ेंगे। उनको जिस तरह से दिल्ली से रोकने के लिए सभी हथकंडे अपनाए गए थे और वह उन सभी को पार करते हुए दिल्ली तक पहुंच गए हैं। ऐसे ही गणतंत्र दिवस की परेड के लिए दिल्ली के अंदर घुसेंगे। वह अपनी परेड निकालेंगे और गणतंत्र दिवस की परेड खराब करने या उसमें बाधा डालने का किसानों का कोई इरादा नहीं है। चढूनी ने कहा कि सरकार इतना ही तो है कि गोली मारेगी, 70 शहीद हो गए हैं 70 या 100 और शहीद हो जाएंगे। लेकिन अब किसान बताएंगे कि हक कैसे लिया जाता है। उन्होंने चेताया कि अगर सरकार 26 जनवरी तक मान जाए तो ठीक है, नहीं तो हमें मनवाना आता है। हम बैरिकेड तोड़कर अंदर घुसेंगे। पुलिस गोली ही मार सकती है, लेकिन किसान पीछे नहीं हटेगा।
दिल्ली ने बढ़ाई सुरक्षा
इधर, किसानों के गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने के ऐलान के बाद से सिंघु बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है। क्योंकि सबसे ज्यादा किसान इस बॉर्डर से दिल्ली जाने का प्रयास करेंगे। इसके लिए ही वहां ज्यादा पत्थर लगाए गए हैं, तो पैरा मिलिट्री फोर्स भी कुछ आगे आ गई है। वहां पैरा मिलिट्री फोर्स 24 घंटे के लिए तैनात कर दी गई है। इससे कोई भी वहां से अंदर जाने का प्रयास नहीं कर सके। करीब आधा किलोमीटर में पांच से आठ लेयर की सुरक्षा पत्थरों से की गई है।