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Farmers’ Protest : HT लाईन को लेकर झज्जर में किसानों की हुंकार, उचित मुआवजा मिलने तक नहीं लगने देंगे पोल

झज्जर महापंचायत में शामिल हुए अनेक किसान संगठनों के लोग, राजस्थान से हरियाणा होकर जानी है पॉवर ग्रीड़ की एचटी लाईन
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झज्जर, 17फरवरी (हप्र )

Farmers’ Protest : राजस्थान से हरियाणा के वाया झज्जर सहित कई जिलाें से होकर दिल्ली के नरेला पहुंचाई जाने वाली पॉवर ग्रीड़ की एचटीलाईन के उचित मुआवजे को लेकर किसानों से सरकार के खिलाफ खुल्लमखुल्ला संघर्ष का बिगुल फूंक दिया है। किसान कई दिनों से पगड़ी संभाल जट्टा किसान संघर्ष समिति के बैनर तले जहां लघु सचिवालय में धरना दे रहे है।

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वहीं, सोमवार को इन्हीं किसानों ने इसी मसले पर एक महापंचायत का आयोजन लघु सचिवालय में लगाए गए पक्के मोर्चे पर ही किया। इस महापंचायत में उक्त संगठन के अलावा अन्य किसान संगठनों के पदाधिकारी और सदस्य भी शामिल हुए। किसान संगठनों के सभी लोगों ने इस मसले पर सरकार की धक्काशाही की खुलकर आलोचना की।

किसानों का कहना था कि इस मसले पर शासन और प्रशासन चाहे कितनी हीं तानाशाही और धक्कामुक्की कर ले वह बगैर मार्किट रेट मुआवजा लिए एचटी लाईन को अपने खेतों से गुजरने नहीं देंगे। किसानों का कहना था कि शासन के इशारे पर प्रशासनिक अधिकारियों ने उनके खेतों में एचटी लाईन के पोल लगवाने के लिए गड्ढे खोद डाले है जिन्हें किसान जल्द ही भरने का काम करेगा। किसानों का कहना था कि शासन और प्रशासन को यह बताना चाहिए कि जब किसानों के खेतों से गुजरने वाली इस इस एचटी लाईन की वजह से किसानों को नुकसान जब मार्किट रेट से होता है तो फिर मुआवजा उन्हें मार्किट रेट के हिसाब से आखिर क्यों नहीं दिया जा रहा है।

किसानों का कहना था कि जहां से भी यह एचटी लाईन गुजरनी है वहां उस किसान की पूरी की पूरी जमीन ही एक तरह से 70 प्रतिशत तक खराब हो जाती है। कारण कि न तो उस जमीन पर कोई फैक्ट्री लग सकती है और न ही किसान की फसल की उगाही हो सकती है। सरकार मानती है कि किसान को नुकसान 30प्रतिशत तक का है जबकि किसानों को नुकसान इस एचटी लाईन की वजह से 70 प्रतिशत तक का है।

उन्होंने कहा कि वह देश के विकास के विरोधी नहीं है, लेकिन वह यह भी नहीं चाहेंगे कि उन्हें भी नुकसान हो इसलिए सरकार को मार्किट रेट के हिसाब से मुआवजा तय करना चाहिए। सरकार को यह समझ लेना चाहिए कि किसान बगैर मार्किट रेट से मुआवजा लिए इस एचटी लाईन को गुजरने नहीं देगा। इस दौरान किसानों ने मुआवजे के साथ-साथ उन्हें प्रतिवर्ष रायल्टी दिए जाने की भी मांग की।

इस महापंचायत में गांव खरहर के एक बुजुर्ग किसान के साथ एक पुलिस कर्मचारी द्वारा उसी के ही खेत में धक्के मारने की कार्यवाहीं की भी निंदा की। उन्होंंने कहा कि इस मामले में पुलिस के उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है,लेकिन उसके बावजूद भी आरोपी कर्मचारी के खिलाफ कार्यवाहीं अमल में नही लाई गई है। किसानों ने एक बार फिर से इस पुलिस कर्मचारी को निलम्बित किए जाने के साथ-साथ विभागीय जांच खोलने की भी मांग की।

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