Farmer's protest: जींद में प्रस्तावित IMT के खिलाफ में किसानों का विरोध प्रदर्शन
Farmer's protest: जींद जिले के लगभग एक दर्जन गांवों के सेंकड़ों किसान एनएच 152 डी और दिल्ली कटरा एक्सप्रेसवे के पास की प्रस्तावित आईएमटी के विरोध में शुक्रवार को जींद पहुंचे। किसानों ने आईएमटी के विरोध में जोरदार विरोध प्रदर्शन के बाद सीएम और राज्यपाल के नाम ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा।
शुक्रवार को बड़ी संख्या में कई गांवों के किसान ट्रैक्टर ट्रालियों में भरकर जींद पहुंचे। इन किसानों ने अपने ट्रैक्टरों पर तिरंगे झंडे लगाए हुए थे। किसानों ने गोहाना रोड पर लघु सचिवालय परिसर के बाहर काफी देर तक धरना देकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। यहां किसान नेताओं ने कहा कि सरकार जींद जिले में जिस प्रस्तावित आईएमटी की बात कर रही है, उससे रोजगार नहीं मिलेगा।
आईएमटी के नाम पर किसानों को उनकी जमीनों से वंचित करने की साजिश सरकार रच रही है। भूमि पोर्टल पर किसानों के आईएमटी के लिए जमीन देने की किसानों की सहमति खुद सरकार भर रही है। यह बहुत बड़ा धोखा है। इसकी जांच होनी चाहिए। किसान नेताओं ने कहा कि आज तक जितने किसानों की जमीनों का सरकार ने अधिग्रहण किया, या नई भूमि अधिग्रहण पॉलिसी के तहत जमीन खरीदी, वह किसान बाद में कहीं के नहीं रहे।
उन्होंने कहा, जींद जिले के किसानों को सरकार का आईएमटी का झुनझुना नहीं चाहिए। इसमें सरकार ने उन किसानों के पुनर्वास का कोई प्रावधान नहीं किया है, जो बिना जमीन के भूमिहीन हो जाएंगे। किसानों ने कहा कि इन जमीनों से केवल किसानों और उनके परिवारों का ही पेट नहीं भरता है, बल्कि हजारों मजदूरों और उनके परिवारों की रोजी-रोटी भी इसी जमीन से चलती है।
किसान नेताओं ने कहा कि किसानों की जमीन गई तो हजारों लोग अपनी रोजी-रोटी खो बैठेंगे और यह किसी भी सूरत में नहीं होने दिया जाएगा। प्रदर्शन में शामिल किसानों ने कहा कि कुछ भी हो जाए, वह अपनी जमीन नहीं देंगे। जमीन के लिए वह अपनी जान तक देने के लिए तैयार हैं। प्रदर्शन के बाद किसानों ने डीसी के माध्यम से सीएम और राज्यपाल के नाम ज्ञापन भेजा। इसमें मांग की गई की जींद जिले में प्रस्तावित आईएमटी को तुरंत प्रभाव से रद्द किया जाए।
डीसी ने कहा करवाएंगे जांच, सरकार को भेजा जाएगा ज्ञापन
डीसी मोहम्मद इमरान रजा ने किसानों का सीएम के नाम ज्ञापन लिया। उन्होंने कहा कि ज्ञापन सीएम को भेज दिया जाएगा। डीसी ने यह भी कहा कि किसानों की जमीन पोर्टल पर किसानों की सहमति के बिना अपलोड करने के आरोपों की जांच करवाई जाएगी।