पानीपत, 19 अप्रैल (हप्र)
यमुना तटबंध के अंदर गेहूं कटाई को लेकर यूपी और हरियाणा के किसानों का लंबे समय चल रहा विवाद शुक्रवार को एकबार फिर भड़क गया। गांव संजौली के खेतों के पास 50 एकड़ विवादित भूमि से गेहूं की फसल काटने को लेकर यूपी के गांव टांडा और पानीपत के गांव संजौली के किसान आमने-सामने आ गये। दोनों प्रदेशों के किसान विवादित जमीन पर अपना-अपना हक जता रहे हैं और दावा कर हैं कि इस जमीन पर उन्होंने ही गेहूं की बिजाई की हुई है। किसानों में झगड़े की आशंका के चलते दोनों प्रदेशों के प्रशासनिक अधिकारी व भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। दोनों प्रदेशों के प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों ने अपने-अपने प्रदेश के किसानों को शांत रहने की अपील की और किसानों को आश्वासन दिया गया कि उनके साथ गलत नहीं होने दिया जाएगा और राजस्व विभाग के रिकार्ड के अनुसार जिसकी जमीन होगी, उसी को गेहूं काटने दिया जाएगा। पानीपत प्रशासन की तरफ से बीडीपीओ बापौली शक्ति सिंह, नायब तहसीलदार बापौली कैलाश चंद्र, कानूनगो नरेश कुमार व राजेश, पटवारी मुकेश व मनीष और बापौली थाना प्रभारी अतर सिंह और यूपी की तरफ से बडौत के एसडीएम अमन कुमार वर्मा, छपरौली थाना प्रभारी सहित भारी पुलिस बल मौजूद रहा। दोनों प्रदेशों के अधिकारियों के समक्ष भी पानीपत व यूपी के किसानों द्वारा उस जमीन पर अपना-अपना हक जताया गया।
दोनों प्रदेशों के राजस्व अधिकारियों की बैठक 28 को
दोनों प्रदेशों के प्रशासनिक अधिकारियों में सहमति बनी कि समालखा एसडीएम कार्यालय में 28 अप्रैल को दोनों प्रदेशों के राजस्व विभाग के अधिकारियों की बैठक होगी। राजस्व विभाग के रिकार्ड के अनुसार जिस भी प्रदेश के किसानों की वह जमीन होगी, उसी को गेहूं की फसल को काटने की इजाजत दी जाएगी, लेकिन 28 अप्रैल तक यूपी के गांव टांडा व पानीपत के गांव संजौली का कोई भी किसान उस विवादित जमीन से गेहूं की फसल की कटाई नहीं करेगा और दोनों प्रदेशों के किसानों में से यदि किसी ने ऐसा किया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस मौके पर पानीपत किसान भवन के प्रधान सूरजभान रावल सहित भारी संख्या में दोनों प्रदेशों के किसान भी मौजूद रहे।