प्रदीप श्योकंद/निस
उचाना, 22 अप्रैल
विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार किए गए तीन किसान नेताओं की रिहाई की मांग को लेकर खटकड़ गांव में किसान संगठनों की महापंचायत हुई। शंभु बॉर्डर, खिनौरी बॉर्डर से काफी संख्या में किसान नेता यहां पहुंचे। खटकड़ टोल जन कल्याण किसान मजदूर समिति ने महापंचायत का आयोजन किया।
महापंचायत में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि अंबाला जेल में बंद दो किसान, जींद जेल में बंद एक किसान को 27 अप्रैल तक रिहा नहीं किया गया तो दोबारा से महापंचायत बुला कर बड़ा फैसला किसान संगठन लेंगे। किसानों ने दिल्ली-पटियाला नेशनल हाइवे पर राजकीय स्कूल खटकड़ के सामने सड़क के बीचों-बीच बैठकर रोड जाम किया। जाम के चलते दोनों तरफ वाहनों की लंबी-लंबी लाइन लग गई। प्रशासन के साथ किसान नेताओं की बातचीत के बाद जाम को खोल दिया गया। प्रशासन से हुई बातचीत की जानकारी देते हुए कैप्टन भूपेंद्र ने कहा कि हम इस आंदोलन को किसानों की रिहाई होने तक जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि 27 अप्रैल तक प्रशासन को समय दिया गया है कि वह अपनी कार्यवाही करके किसानों को रिहा करें। ये फैसला आज प्रशासन से हुई बातचीत के बाद लिया गया है। प्रशासन ने कहा कि कानून की प्रक्रिया होती है जिन्हें पूरा करना होता है। किसान नेता अभिमन्यु कुहाड़ ने बताया कि अनीष खटकड़ 19 मार्च जींद जेल, नवदीप सिंह, गुरकीरत सिंह 28 मार्च से अंबाला जेल में बंद है। सरकार, प्रशासन किसानों की रिहाई नहीं कर रही है। 9 अप्रैल को शुभ बार्डर पर रेल रोकने का ऐलान किया था। पंजाब, हरियाणा के प्रशासन से बातचीत करते हुए रिहाई के लिए 7 दिन का समय मांगा था। जब उनकी रिहाई नहीं हुई तो 17 अप्रैल को शंभु बॉर्डर पर रेलवे ट्रेक को जाम किया गया। जेल से पकड़े गए तीन किसानों को रिहा नहीं किया जा रहा है। किसान आंदोलन से संबंधित किसानों के खिलाफ मामले दर्ज करके किसानों को जेल भेजा गया है। किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा कि हमारा रोड जाम सांकेतिक था।