किसान रजिस्ट्री और डिजिटल फसल सर्वे से किसानों को सीधे फायदा
किसान रजिस्ट्री कैंप पहली जनवरी से शुरू होंगे और डिजिटल फसल सर्वे पहली फरवरी से शुरू किया जाएगा। इनसे किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ जल्दी मिलेगा। किसान रजिस्ट्री से पीएम-किसान जैसी योजनाओं का पैसा सीधे उनके बैंक खाते में समय पर जाएगा। वहीं फसल और जमीन का सही रिकॉर्ड होने से किसानों के पास अपने खेत और फसल का सटीक डिजिटल रिकॉर्ड होगा, जिससे भविष्य में किसी विवाद या समस्या में मदद मिलेगी।
सरकारी सेवाओं में पारदर्शिता भी आएगी। किसान देख पाएंगे कि उनकी फसल और जमीन की जानकारी सही तरीके से दर्ज हुई है या नहीं। फसल बीमा और भी आसान होगा।डिजिटल रिकॉर्ड होने से फसल बीमा लेने में समय और कागज की परेशानी कम होगी। गांव और जिले के अधिकारियों से मदद आसानी से मिल सके इसके लिए हेल्प डेस्क बनाए जाएंगे, जहां किसान अपने सवाल और समस्याओं का समाधान ले सकेंगे।
ये हैं तैयारियां और समयसीमा
डॉ़ मिश्रा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसान रजिस्ट्री पोर्टल 17 दिसंबर तक पूरी तरह चालू होना चाहिए। तीन मुख्य एप्लिकेशन – लैंड वेरिफिकेशन, फार्मर रजिस्ट्रेशन और रजिस्ट्रेशन 20 दिसंबर तक मोबाइल एप स्टोर पर उपलब्ध होंगे। सर्वे ऑफ इंडिया को शेष गांवों के नक्शे 16 दिसंबर तक भेजने हैं। एफसीआर डॉ़ मिश्रा ने कहा कि अधिकारियों को समय पर सभी कार्य पूरे करने हैं ताकि किसान रजिस्ट्री और फसल सर्वे में कोई देरी न हो।
कैसे मदद करेगी सरकारी टीम
जिलों के अधिकारी और कृषि विभाग साप्ताहिक समीक्षा करेंगे। राज्य स्तर पर प्रधान सचिव कृषि और वित्तीय आयुक्त मासिक समीक्षा करेंगे। किसानों के लिए हेल्प डेस्क भी तैयार होंगे, जिससे वे अपनी फसल और जमीन से जुड़ी जानकारी और मदद सीधे ले सकेंगे। यह पहल हरियाणा के किसानों के लिए सटीक और तेज सेवा उपलब्ध करवाएगी।
