हिसार, 13 मई (हप्र)
खरीफ-2020 व खरीफ-2021 की फसल के मुआवजे की मांग को लेकर बालसमंद तहसील के विभिन्न गांवों का धरना शुक्रवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। किसानों ने धरना स्थल पर पक्का मोर्चा लगाया और आंदोलन को तेज करने की चेतावनी दी। इसके साथ ही क्रमिक अनशन भी शुरू कर दिया।
क्रमिक अनशन के पहले दिन प्रधान सुरेंद्र आर्य, अनू सूरा, अनिल भादू, महेंद्र डूडी व देवीलाल भांभू अनशन पर बैठे। धरने को संबोधित करते हुए मास्टर सतबीर गढवाल ने कहा कि सरकार व प्रशासन किसानों की मांगों को लेकर कतई गंभीर नहीं है। विजय भांभू ने कहा कि सरकार व प्रशासन बालसमंद तहसील के किसानों के साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है। खेड़ी जालब के किसानों को खरीफ 2021 के लिए आर्थिक मदद की जा रही है, जबकि बालसमंद तहसील के किसानों को इससे वंचित रखा गया है। बालसमंद तहसील के किसानों को भी सरकार को मुआवजे की घोषणा करनी चाहिए।
‘एमएसपी के लिए लड़ेंगे लड़ाई’
सफीदों (निस) : भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष रतन मान ने शुक्रवार को जाट धर्मशाला में किसानों की खंड स्तरीय बैठक की, जहां किसानों ने उनकी मांगों को नजरअंदाज करने पर सरकार विरोधी नारेबाजी की गई। बैठक में 18 मई को गांव स्योंकड़ा में अधिवेशन करने की घोषणा की गई। इस अवसर पर यूनियन की कार्यकारिणी की घोषणा की गई। इस मौके पर रतनमान ने कहा कि दिल्ली के किसान आन्दोलन में सफीदों के किसानों का बहुत सहयोग रहा लेकिन अभी तक सिर्फ तीन काले कानून वापस लेने की मांग ही पूरी की गई है जबकि एमएसपी सहित किसानों की अनेक मांगों की लड़ाई अभी जारी है और यदि सरकार नहीं मानी तो आंदोलन शुरू करना होगा।