चंडीगढ़, 30 अप्रैल (ट्रिन्यू)
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा-जजपा सरकार द्वारा प्रदेश के कई जिलों में गेहूं की खरीद न किए जाने का फैसला किसानों पर बड़ा कुठाराघात है। सरकार लगातार ऐसे तानाशाही भरे फैसले लेकर किसानों को बर्बाद करने पर तुली हुई है। सरकार बिना विलंब किए गेहूं की खरीद दोबारा से शुरू करे। शुक्रवार को चंडीगढ़ से जारी एक बयान में सैलजा ने कहा कि हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार निरंतर किसान विरोधी फैसले लेकर किसानों को प्रताड़ित कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा प्रदेश के अंबाला, चरखी दादरी, गुरुग्राम, महेंद्रगढ़, नूंह, पलवल, पंचकूला तथा रेवाड़ी जिले में गेहूं की खरीद न किए जाने का फैसला तानाशाही से भरा है।
उन्होंने कहा कि मंडियों में न तो तेजी से उठान हो पाया और न ही बारदाना उपलब्ध हो पाया। कोरोना संक्रमण भी प्रदेश में कहर बरपा रहा है। ऐसे हालातों में धीमी खरीद के बीच बड़ी संख्या में प्रदेश के किसान अपनी फसल बेचने से वंचित रह गए हैं। सरकार का यह फैसला किसानों के लिए परेशानी बढ़ाने वाला है। इस फैसले से हरियाणा प्रदेश के हजारों किसान प्रभावित होंगे। सरकार को चाहिए था कि गेहूं की खरीद के लिए किसानों को और समय देती, लेकिन ऐसे समय में सरकार द्वारा गेहूं की खरीद पर ही रोक लगा दी गई।
सैलजा ने कहा कि सरकार के हर दावे खोखले और झूठे साबित हुए हैं। सरकार द्वारा दावा किया गया था कि वह किसानों को 72 घंटे में उनकी फसल का भुगतान करेगी, लेकिन धरातल पर यह कहीं भी नजर नहीं आ रहा है। राज्य की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार पूरी तरह से किसानों के खिलाफ है। न तो कृषि विरोधी काले कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों की सुनवाई हो रही है और न ही किसानों को उनकी फसलों के दाम मिल रहे हैं। सरकार लगातार तुगलकी फरमान जारी कर किसानों को बर्बाद करने की साजिशें रच रही है।