रेवाड़ी, 10 दिसंबर (निस)
तीन कृषि बिल वापस लेने व अधिकांश मांगें स्वीकार किए जाने के बाद दिल्ली-जयपुर हाईवे स्थित जयसिंहपुर खेड़ा बॉर्डर के निकट पिछले एक साल से चल रहे धरने को समाप्त कर दिया गया है। शुक्रवार को किसान टेंट-तंबू व बिस्तर समेट कर अपने-अपने घरों को लौट गए हैं। ट्रेक्टर-ट्रॉलियों में सामान लादकर जाते हुए किसानों को फूलमालाएं पहनाकर विदा किया गया। यहां कई राज्यों के किसान जमे हुए थे।
आज किसानों के आंदोलन से मुक्त होने के बाद बॉर्डर पर सन्नाटा सा छाया रहा। एक साल से बंद पड़ा दिल्ली-जयपुर हाईवे भी आज चालू हो गया। आज पुलिस मुस्तैद दिखाई दी। पुलिस द्वारा आंदोलनकारी किसानों को लगाए गए बैरिकेड्स को जेसीबी की मदद से हटाना शुरू कर दिया। आंदोलन समाप्त होने से सबसे ज्यादा खुशी हाईवे स्थित पेट्रोल पम्प मालिकों व होटल-ढाबे संचालकों के चेहरों पर दिखाई दी।

इस मौके पर किसान नेता योगेंद्र यादव भी विशेष रूप से मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि आंदोलन खत्म नहीं हुआ है, किसान सड़कों से हटे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की कुछ मांगें मान ली गई हैं और कुछ बाकी हैं। उन्हें उम्मीद है कि केंद्र सरकार ने जो भरोसा दिया है, उस पर खरा उतरेगी। इस मौके पर पूर्व विधायक राजाराम मील, पेमाराम, अमराराम, पी कृष्णा, विक्रम सिंह, डा. संजय माधव, निशा सिद्धू, बलबीर छिल्लर मौजूद थे।

कुंडली बॉर्डर जश्न के साथ आज होगी वापसी
सोनीपत (निस) : आंदोलन वापस लिए जाने के बाद किसान शनिवार को गाजे-बाजे के साथ घरों की ओर कूच करेंगे। सभी मोर्चों पर वापसी से पहले जश्न की तैयारी के प्रबंध कर लिए हैं। वहीं, जश्न में शामिल होने के लिए पंजाब व हरियाणा से करीब 500 ट्रैक्टर-ट्रालियों के साथ किसान पहुंचे हैं। सुबह सबसे पहले किसान अरदास करेंगे। इसके बाद करीब 2 घंटे तक लंगर चलाया जाएगा। लंगर के तुरंत बाद जुलूस की शक्ल में किसानों के जत्थे रवाना होंगे।
इससे पहले शुक्रवार को किसान पूरा दिन सामान समेटने में लगे रहे। सभी झोंपडिय़ों को हटाया गया तो वहीं, तंबुओं को समेटकर ट्रकों व ट्रालियों में लाद दिया गया है। पैकिंग के साथ किसान पूरी तरह से तैयार हैं। इधर, किसानों की वापसी के साथ ही केजीपी-केएमपी से लेकर सिंघु बार्डर पर करीब 9 किलोमीटर तक का मार्ग खाली हो जाएगा। फिलहाल दो दिन में हजारों किसान पहले ही लौट चुके हैं। बाकी अगले दो दिन में लौट जाएंगे।
संयुक्त किसान मोर्चा ने बृहस्पतिवार को सरकार के साथ सहमति बनने के साथ ही आंदोलन वापस लेने की घोषणा कर दी थी और 11 दिसंबर से वापसी का ऐलान किया था। इस बीच किसानों ने वीरवार से ही वापसी शुरू कर दी थी जो शुक्रवार को भी जारी रही। बॉर्डर पर बचे किसानों ने सामान की पैकिंग का काम पूरा कर लिया है और वे रवाना होने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। शनिवार सुबह के समय किसानों का प्रस्थान शुरू हो जाएगा, लेकिन इससे पहले अरदास व लंगर का आयोजन होगा। जीटी रोड पर जाम की आशंका को देखते हुए किसानों ने अलग-अलग जत्थों में निकलने का फैसला किया है।
15 तक फ्री रहेंगे हिसार के चारों टोल
हिसार (हप्र) : शनिवार को किसान आंदोलन विधिवत रूप से स्थगित हो जाएगा लेकिन हिसार के सभी चारों टोल 15 दिसंबर तक फ्री रखे जाएंगे और यहां से गुजरने वाले किसानों के जत्थों पर फूलों की बारिश करके स्वागत किया जाएगा। इसके अलावा टोल पर किसानों के लिए लंगर भी 15 दिसंबर तक जारी रहेगा। बाडोपट्टी टोल पर संयुक्त किसान मोर्चा के नेता सदानंद राजली ने बताया कि दिल्ली बॉर्डर पर हरियाणा किसान मोर्चा की हुई बैठक में 15 दिसंबर तक टोल फ्री रखने का फैसला लिया गया ताकि किसानों को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो।