हिसार, 6 जून (निस)
कृषि मौसम विज्ञान विभाग द्वारा पर्यावरण दिवस पर आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित विभिन्न कृषि तकनीकों जैसे जीरो टिलेज, फसल अवशेष प्रबंधन, कृषि वानिकी, जल प्रबंधन आदि को अपनाकर पर्यावरण संरक्षण किया जा सकता है और साथ ही फसलों का उत्पादन भी बढ़ाया जा सकता है।
कम्बोज ने कहा कि मौजूदा समय में पृथ्वी के तापमान म्म लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जिसके परिणामस्वरूप असमय अधिक बारिश, तेज हवाएं चलना, ओलावृष्टि, सुखा, बाढ़, जैसे मौसम संबंधी परिवर्तन चरम पर हैं और इनका स्पष्ट प्रभाव फसलों के उत्पादन पर दिखाई देता है। इसलिए आधुनिक कृषि तकनीकें व मौसम आधारित कृषि सलाह अपनाकर तथा अधिकाधिक पेड़ लगाकर इन समस्याओं से निजात मिल सकती है। मुख्य वक्ता पूर्व महानिदेशक भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) डॉ. लक्ष्मण सिंह राठौड़ ने बताया कि स्वस्थ जीवन के लिए शुद्ध हवा, पानी व भोजन आवश्यक होते हैं, जो पर्यावरण संरक्षण द्वारा ही संभव है।