नूंह/मेवात, 27 मार्च (निस)
जिला की मंडियों में खुले बाजार में सरसों की न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक दाम पर बिकवाली हो रही है और खुली बोली में सरसों व्यापारियों की कथित तौर से मिलीभगत की सीधी मार किसानों पर पड़ रही हैं। किसानों द्वारा इसकी मंडी प्रशासन को बार-बार शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही। मंदीप, काले खान, किशन कुमार, रूपचंद, सुभाष कुमार, वहीद, जाकिर, संदीप, कूंडू, उसमान समेत कई किसानों ने बताया कि इस बार न्यूनतम मूल्य पर सरसों की खरीद होने से शुरूआत से ही आसार दिखाई पड़ रहे थे और खुले बाजार में अच्छे दाम मिलने की उम्मीद थी लेकिन आढ़तियों की मिलीभगत से किसानों पर इसकी मार पड़ रही हैं। इस बारे में मंडी सचिव कम कार्यकारी अधिकारी ने माना कि सरसों का न्यूनतम मूल्य कम व खुले बाजार में दाम अधिक होने से किसानों ने निजी आढ़तियों के यहां ही सरसों की बिकवाली की हैं। उन्होंने खुले बाजार में व्यापारियों की कथित मेलजोल की बात को सिरे से खारिज किया है। वहीं, जिला उपायुक्त अजय कुमार ने कहा कि सरकार के निर्देशों के अनुसार आगामी 1 अप्रैल से जिला की मंडिय़ों में गेहूं की फसल का खरीद कार्य शुरू कर दिया जाएगा।